India News (इंडिया न्यूज़), Telangana Formation Day, हैदराबाद: तेलंगाना राज्य को आंध्र प्रदेश से अलग कर देश का 29वां और भारत संघ में सबसे युवा राज्य के रूप में बनाया गया था। आज ही के दिन 2 जून, 2014 को इसका जन्म हुआ। कल्वाकुंतला चंद्रशेखर राव अपनी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति के साथ पहले चुनावों में बहुमत हासिल करने के साथ नए राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने।

  • संसद में हुआ था हंगामा
  • आजादी के बाद हुए थी मांग
  • 1956 में आंध्र प्रदेश बनाया गया

आज़ादी के समय हैदराबाद राज्य हुआ करता था। निज़ाम के शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद साल 1948 में इसका भारत में विलय कर दिया गया। भाषाई आधार पर राज्यों को बनाने के लिए राज्य पुनर्गठन समिति का गठन किया गया था। इस प्रकार, एसआरसी की सिफारिश पर  1 नवंबर, 1956 को आंध्र प्रदेश राज्य बनाया गया जिसमें तेलंगाना भी था.

जेंटलमैन समझौता हुआ

तेलंगाना के लोगों के हितों की करने के लिए विलय से पहले जेंटलमैन समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसमें तेलंगाना और आंध्र राज्य की जनसंख्या की ताकत के अनुसार सरकारी नौकरियों का वितरण, एक समय में प्रत्येक राज्य से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का चुनाव और कई अन्य खंड शामिल थे।

तेलंगाना आंदोलन शुरु हुआ

कई सामाजिक समूहों, छात्रों और सरकारी कर्मचारियों ने एक नया राज्य तेलंगाना बनाने के लिए आंदोलन शुरू किया। राज्य बनाने वाले ने यह तर्क दिए-

  • तेलंगाना के लोग जेंटलमैन समझौते के कार्यान्वयन से असंतुष्ट थे और उन्होंने महसूस किया कि नौकरियों, शैक्षिक सुविधाओं और बजट आवंटन के क्षेत्रों में इसका उल्लंघन किया गया था।
  • एक खंड था कि आंध्र के कर्मचारी जो हैदराबाद चले गए थे, उन्हें मुल्की नियमों के अनुसार 12 साल बाद स्थानीय निवासियों के रूप में मान्यता दी जाएगी और वहां जो सरकारी नौकरियों का हिस्सा होगा जो पूरी तरह से तेलंगाना के लोगों के लिए होगा।
  • वशिष्ठ भार्गव कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जेंटलमैन एग्रीमेंट का उल्लंघन कर 4500 कर्मचारी काम कर रहे है।
  • रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि तेलंगाना के लिए आवंटित 283 मिलियन रुपये 1956 और 1968 के बीच आंध्र क्षेत्र में डायवर्ट किए गए थे।

राज्य का गठन

तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) का गठन 2001 में कलवकुंतला चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में किया गया था। इस राजनीतिक दल का केवल एक ही एजेंडा था कि हैदराबाद को अपनी राजधानी के साथ तेलगांना राज्य का गठन।

कैबिनट ने दी मंजूरी

3 अक्टूबर, 2013 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के 29 वें राज्य, तेलंगाना के निर्माण को मंजूरी दी थी। विधेयक 8 फरवरी, 2014 को लोकसभा और राज्यसभा द्वारा पारित किया गया। इसे भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस ने भी समर्थन दिया था। हालांकि तेलुगु देशम पार्टी सहित राज्य के कई दल इसका विरोध कर रहे थे।

प्रसारण बंद किया गया

कांग्रेस को अपने कई नेताओं को पार्टी से निलंबित भी करना पड़ा था। लोकसभा में एक सांसद ने विरोध में लाल मिर्चा पाउडर फेंक दिया। इसके बाद विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा टीवी का प्रसारण बंद कर पास कराया गया। भारत के राष्ट्रपति ने भी तेलंगाना बिल के लिए अपनी सहमति दी और इसे 1 मार्च 2014 को राजपत्र में प्रकाशित किया गया। भारत के 29वें राज्य तेलंगाना का जन्म 2 जुलाई 2014 को हुआ था।

यह भी पढ़े-