Homecoming of Farmers Started From Delhi Border
इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली:
Homecoming of Farmers Started From Delhi Border: सरकार द्वारा किसानों की मांगे माने जाने के बाद किसान अपने तय समय के अनुसार घर वापसी कर रहे हैं। बहुत से किसान गुरुवार रात को ही घर वापस लौट गए हैं। वहीं अधिकतर किसान पिछले 24 घंटे से आंदोलन स्थल से सामान समेटते हुए नजर आ रहे हैं। दिल्ली बॉर्डर खाली करने से पहले किसानों ने एक दूसरे को आंदोलन की सफलता की बधाईयां देते हुए भंगड़ा डाला और मुंह मीठा करवाया। उसके बाद सभी किसान अपना सामान इकट्ठा करने में जुट गए।
दिल्ली की सीमाएं किसानों की वापसी के कारण आज सुबह खाली-खाली नजर आ रही थी। लेकिन रास्ता पूरी तरह खुलने में थोड़ा समय जरूर लग सकता है क्योंकि किसानों ने यहां कई महीने रहने का बंदो बस्त किया हुआ था। लिहाजा सामान भी उतना ही अधिक होने की बात कही जा रही है। किसान सामान की ट्रालियां भर कर गांव की और रवाना हो रहे हैं लेकिन सामान ही इतना अधिक है कि एक बार में जाने वाला नहीं है। इसीलिए हाईवे पूरी तरह खाली होने में समय लगने की बात कही जा रही है।
Homecoming of Farmers Started From Delhi Border: जैसे कि सरकार ने किसानों की मांगे मान ली हैं इसी बात के चलते संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा गुरुवार को कर दी थी। बता दें कि इससे पहले भी कई किसान संगठन प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद से ही घर वापसी की बात कह रहे थे। लेकिन कई संगठन अन्य मांगों के चलते आंदोलन जारी रखने की बात कह रहे थे। अंत में केंद्र सरकार ने किसानों की सभी मांगें मानी और एसकेएम ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर दी।
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Homecoming of Farmers Started From Delhi Border: आंदोलन खत्म होने की घोषणा होते ही किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर लगाए गए तंबू हटाने शुरू कर दिए यह सिलसिला गुरुवार देर रात तक जारी रहा। गाजीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों ने अपने आशियाने हटाने शुरू कर दिए और रात भर सामान लेकर गांव को रवाना होते रहे। वहीं कुछ किसान शुक्रवार को भी सामान समेटते नजर आ रहे थे।
Homecoming of Farmers Started From Delhi Border: करीब एक साल से किसान आंदोलन का हिस्सा बने हुए थे, जब आंदोलन शुरू हुआ तब बेशक सब एक दूसरे से अंजान थे। लेकिन सबका मकसद एक ही था कि कैसे कृषि कानूनों को वापस करवाया जाए। इस दौरान कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई कई लोग बीमार भी हुए। कई लोगों के आपस में मनमुटाव भी हुए होंगे तो कई लोग बेगानों को भी अपना बनाने में कामयाब रहे होंगे। यही नजार शुक्रवार को आंदोलन से घर वापस जाते हुए दिखाई दिया जब किसान धर्म की दीवारों को तोड़ते हुए एक दूसरे के गले लगते दिखाई दिए। कई किसानों ने आपस में मोबाइल नंबर शेयर किए और दुख सुख में शामिल होने का वादा कर एक दूसरे को अलविदा कहा।
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