India News (इंडिया न्यूज),Indian Railway: पिछले 10 वर्षों में भारतीय रेलवे का चेहरा पूरी तरह से बदल गया है। इसका मुख्य कारण यह है कि पिछले 10 वर्षों में रेलवे के बजट में 16 गुना की वृद्धि हुई है। मोदी युग से पहले के 10 सालों में रेलवे का बजट 16 हजार करोड़ रुपये से भी कम था, जो वित्त वर्ष 2024-25 में 2.50 लाख करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया है। सरकार की ओर से एक डेटा जारी किया गया है, जिसमें इस बात की जानकारी दी गई है कि मोदी से पहले के दौर में रेलवे में कितना काम हुआ है। उसके बाद रेलवे में कितना काम हुआ। आइए आंकड़ों के जरिए आपको ये भी समझाने की कोशिश करते हैं कि मौजूदा मोदी सरकार ने रेलवे की सूरत कैसे बदल दी है।
रेलवे का खर्च बढ़ा 16 गुना
भारत सरकार ने रेलवे पर अपना खर्च 16 गुना बढ़ा दिया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2004-14 तक रेलवे पर पूंजीगत व्यय के रूप में 15674 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं। वहीं 1 फरवरी को सरकार की ओर से अंतरिम बजट पेश किया गया था। बजट में सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रेलवे पर पूंजीगत व्यय बढ़ाकर 2.52 करोड़ रुपये कर दिया है। इसका मतलब यह है कि पिछली सरकार में रेलवे पर जितनी रकम खर्च की गई थी। वर्तमान सरकार आगामी वित्तीय वर्ष में इसका 16 गुना करने जा रही है।
रेलवे ट्रैक का हुआ विस्तार
अगर रेलवे ट्रैक के निर्माण की बात करें तो मोदी-पूर्व के 10 वर्षों में केवल 14,985 किलोमीटर ट्रैक बनाए गए थे। वहीं मोदी के सत्ता में आने के बाद ये आंकड़ा दोगुना से भी ज्यादा हो गया है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2014 से 2024 तक 31,000 किलोमीटर नई रेलवे ट्रैक बिछाई गई है। जो दक्षिण अफ़्रीका और इटली से भी ज़्यादा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रतिदिन 15 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का निर्माण किया गया। जबकि पूरे साल में यह आंकड़ा 5500 किलोमीटर तक पहुंच गया है। जो ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड से भी ज्यादा है।
रेलवे विद्युतीकरण की कामों में हुई बढ़ोतरी
दूसरी ओर, रेलवे विद्युतीकरण के काम में भी प्रगति देखी गई है। सरकार की ओर से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, मोदी के सत्ता में आने से पहले 10 साल में सिर्फ 5188 किलोमीटर पर ही रेलवे विद्युतीकरण का काम हुआ था। जबकि मोदी के दस साल के शासनकाल में यह आंकड़ा बढ़कर 41 हजार किलोमीटर हो गया है, जो जर्मनी से भी ज्यादा है। रेल मंत्रालय के मुताबिक, मोदी के सत्ता में आने से 60 साल पहले सिर्फ 20 हजार किलोमीटर रेलवे विद्युतीकरण का काम पूरा हो सका था, जबकि पिछले 10 साल में 40 हजार किलोमीटर पर रेलवे विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है। जिसके बाद देश दुनिया का दूसरा विद्युतीकृत रेल नेटवर्क बन गया है।
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