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इंडिया न्यूज,दिल्ली, (How Jhunjhunwala became a billionaire) : सन् 1960 में जन्में राकेश झुनझुनवाला के पिता आयकर विभाग में अधिकारी थे । वह शेयर बाजार में पैसा लगाते थे । पिता को देखकर झुनझुनवाला को शेयर बाजार में पैसे लगाने का चस्का पड़ चुका था। जब उन्होंने पैसा मांगा तो पिता ने यह कहते हुए इंकार कर दिया की पहले पैसा कमाओ और किसी से उधार मत लेना,तब शेयर बाजार में पैसे लगाना । परंतु राकेश शेयर बाजार में अपनी किस्मत आजमाना चाहता था । फिर उन्होंने अपने भाई के एक दोस्त से 5000 रुपए उधार लिए और टाटा ग्रुप के शेयर खरीद लिये ।
1985 में पांच हजार रुपये के निवेश के पहले ही दांव ने इनको सफलता का स्वाद चखा दिया। यह कहानी किसी और की नहीं, बल्कि भारतीय शेयर बाजार के बिग बुल कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला की है, जिन्होंने आज (14 अगस्त) सुबह इस दुनिया को अलविदा कह दिया। अब सवाल उठता है कि आखिर राकेश झुनझुनवाला ने पिता से एक भी पैसा नहीं मिलने के बावजूद कैसे इतनी मोटी कमाई कर ली । कैसे वह शेयर बाजार के बिग बुल बने
पांच जुलाई 1960 को जन्म लेने वाले राकेश झुनझुनवाला के परिवार ने भी कभी नहीं सोचा था कि उनका यह बेटा अरबपति हो जाएगा। दरअसल, राकेश के पिता राधेश्याम झुनझुनवाला आयकर विभाग में अधिकारी थे। वह अक्सर शेयर बाजार में पैसा लगाते थे। उन्हें देखकर ही राकेश को भी शेयर बाजार में निवेश करने का चस्का लग गया। उन्होंने राकेश झुनझुनवाला से साफ-साफ कह दिया कि अगर शेयर बाजार में पैसा लगाना ही है तो पहले खुद कमाओ। यहां तक कि किसी दोस्त से उधार लेने से भी मना कर दिया।
पिता ने पैसे नहीं दिए और उधार लेने से मना करने पर ऐसे में राकेश झुनझुनवाला अपने भाई के एक क्लाइंट के पास पहुंचे और बड़ा मुनाफा दिलाने का दावा करते हुए पांच हजार रुपये का कर्ज मांगा। यही पांच हजार रुपये उन्होंने 1985 में शेयर बाजार में लगाए थे और सफलता के शिखर पर चढ़ाई शुरू कर दी।
1985 में पांच हजार रुपये के निवेश के पहले ही दांव ने राकेश झुनझुनवाला को सफलता का स्वाद चखा दिया। धीरे-धीरे यह रकम दो लाख रुपये से ज्यादा हो गई, जिससे उन्होंने टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा टी के पांच हजार शेयर 43 रुपये प्रति शेयर के भाव से खरीदे। ये शेयर महज तीन महीने में ही काफी तेजी से चढ़ गए। झुनझुनवाला ने 143 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से टाटा टी के सभी शेयर बेच दिए और यह रकम महज तीन महीने में ही तीन गुनी हो गई।
चुनिंदा शेयरों पर दांव लगाकर राकेश झुनझुनवाला महज तीन साल में करोड़पतियों की लिस्ट में शामिल हो गए, लेकिन उनकी किस्मत एक बार फिर टाटा ग्रुप ने चमकाई। उन्होंने साल 2003 में टाटा ग्रुप की कंपनी टाइटन पर दांव लगाया। उन्होंने तीन रुपये प्रति शेयर के हिसाब से टाइटन के छह करोड़ शेयर खरीदे, जो कुछ समय बाद ही 7000 करोड़ रुपये के हो गए। इस वक्त राकेश झुनझुनवाला की कुल संपत्ति करीब 41 हजार करोड़ की बताई जा रही है।
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