India News (इंडिया न्यूज),PM Modi: ममता बनर्जी ने मंगलवार बंगला नववर्ष की शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस संबंध में अपने सोशल मीडिया ‘एक्स’ हैंडल पर पोस्ट भी किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अपने सोशल मीडिया (एक्स) अकाउंट पर एक संदेश दिया। उन्होंने इसे ‘बांग्ला दिवस’ बताया और राज्य में भाईचारे और एकता की प्रार्थना की। उन्होंने कहा, “मैं बांग्ला में गाती हूं… ‘बांग्ला दिवस’ की सभी को शुभकामनाएं। हमारे छोटे भाइयों-बहनों को ढेर सारा प्यार। राज्य की सांस्कृतिक परंपरा और आगे बढ़े और लोगों के बीच भाईचारा और मजबूत हो।”
‘আমি বাংলায় গান গাই…’
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mamata banerjee
‘বাংলা দিবস’ – এ সকল নাগরিককে জানাই শুভনন্দন এবং ছোট ছোট ভাইবোনেদের জানাই অনেক শুভেচ্ছা।
আরও বিকশিত হোক রাজ্যের ঐতিহ্যময় সংস্কৃতি, আরও সুদৃঢ় হোক রাজ্যবাসীর ভ্রাতৃত্ব-বন্ধন।
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) April 14, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बंगाली नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस संबंध में अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘X’ पर पोस्ट भी किया। पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में शुभकामनाओं के जरिए ‘पोइला बोइशाख’ की शुभकामनाएं दीं। शुभकामना संदेश अंग्रेजी के साथ-साथ बंगाली भाषा में भी पोस्ट किया गया। पीएम ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस साल आपकी सभी इच्छाएं पूरी होंगी। मैं सभी के लिए खुशी, सफलता, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।
पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने बंगाली नववर्ष ‘पोइला बैशाख’ के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दीं और एकता की अपील की। अपने संदेश में उन्होंने लिखा, “नया साल मुबारक! बैशाख की गर्मी आत्मा को शुद्ध करे। मैं सुधार की भावना को बनाए रखने के लिए एकता की अपील करता हूं। अन्याय के खिलाफ लड़ाई में अंततः सत्य की जीत होगी। सभी को पोइला बैशाख की शुभकामनाएं। मैं सभी की भलाई के लिए मां भवतारिणी से प्रार्थना करता हूं।”
बंगाली नववर्ष को बांग्ला नववर्ष के नाम से भी जाना जाता है। यह बंगाली कैलेंडर का पहला दिन होता है। इसे नए साल के दिन के रूप में मनाया जाता है। यह बैशाख पर मनाया जाता है, जो आमतौर पर 14 या 15 अप्रैल को पड़ता है। इस साल यह 15 अप्रैल को मनाया जा रहा है। आमतौर पर, पोइला बैशाख 2025 खुशी और एक नई शुरुआत का समय होता है। घरों को खूबसूरती से सजाया जाता है, नए कपड़े पहने जाते हैं, बाजारों में चहल-पहल रहती है और परिवार एक साथ दावत करते हैं। दिन की शुरुआत अक्सर मंदिरों में प्रार्थना से होती है, जहां लोग आने वाले साल के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। व्यापारियों के लिए यह नया उद्यम शुरू करने और नए खाते खोलने का समय है, जो विकास और नवाचार का प्रतीक है। किसान इस दिन को नई फसल के मौसम की शुरुआत मानते हैं।