India News (इंडिया न्यूज़),Arvind Kejriwa: बता दें आज दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक कानून से दिल्ली के लोगों के अधिकार छीन लिए गए…लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि अब मैं कैसे काम करूंगा? आज मैं दिल्ली की जनता को विश्वास दिलाता हूं कि चाहे कोई भी सत्ता छीनना चाहे हमारा काम जारी रहेगा… मुफ्त बिजली जारी रहेगी, बच्चों की अच्छी शिक्षासजारी रहेगा और महिलाओं की मुफ्त यात्रा जारी रहेगी… गति कम हो सकती है लेकिन काम चलता रहेगा।
क्या है पूरा मामला ?
गौरतलब है 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसला देकर ये साफ कर दिया कि दिल्ली की नौकरशाही पर चुनी हुई सरकार का ही कंट्रोल है और अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर भी अधिकार भी उसी का है। प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण और अधिकार से जुड़े मामले पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, दिल्ली की पुलिस, जमीन और पब्लिक ऑर्डर पर केंद्र का अधिकार है, लेकिन बाकी सभी मामलों पर चुनी हुई सरकार का ही अधिकार होगा।
दिल्ली सरकार के अधिकार सीमित
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया था कि पुलिस, जमीन और पब्लिक ऑर्डर को छोड़कर बाकी सभी दूसरे मसलों पर उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार की सलाह माननी होगी।ऐसे में केंद्र सरकार एक अध्यादेश लेकर आई , जिसके तहत अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल को वापस मिल गया। ऐसे में इस अध्यादेश को बिल बनाने के लिए विपक्ष के विरोध के बावजूद सबसे पहले इसे लोकसभा में और फिर राज्यसभा में पारित हो गया। इस बिल में दिल्ली सरकार के अधिकारों को सीमित किया गया है जिसके AAP समेत तमाम विपक्षी दल लगातार विरोध कर रहे हैं।
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