सीबीआई ने ICICI बैंक के पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को तीन दिन की हिरासत में ले लिया है। दोनों को शुक्रवार 23 दिंसबर को ,2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को बैंक द्वारा स्वीकृत लोन में कथित धोखाधड़ी और अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
क्या है पूरा मामला ?
दीपक और चंदा कोचर पर ICICI बैंक पर करोड़ो के लोन की चपत लगाने का मामला है। दरअसल इस लोन फ्राड मामले में ICICI बैंक के अलावा चार अन्य कंपनियां शामिल है। दीपक कोचर की कंपनी पिनेकल एनर्जी, वेणुगोपाल घुत की कंपनी वीडियोकॉन, घुत की ही एक और कंपनी सुप्रीम एनर्जी, वेणुगोपाल घुत और दीपक कोचर की बनाई कंपनी नूपावर शामिल है।
इस जटिल मामले को शुरुवात से एक-एक कर समझये
- सबसे पहले साल 2008 में 50-50 प्रतिशत की पार्टनशिप में वेणुगोपाल घूत और दीपक कोचर ने नूपावर के नाम से एक कंपनी बनाई।
- साल 2009 में घूत ने नूपावर के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया और अपने पार्टनर दीपक कोचर को पूरी कंपनी सौंप दी।
- साल 2010 में कोचर की नूपावर को पैसों की जरुरत थी इसीलिए घूत की ही दूसरी कंपनी सुप्रीम एनर्जी से 64 करोड़ का लोन ले लिया। घूत ने ये 64 करोड़ रुपय देने से पहले ही बैंक से 300 करोड़ रुपए का लोन लिया था और उसी में से 64 करोड़ रुपय दिए।
- घूत ने इस शर्त पर लोन दिया की नूपावर के शेयर्स सुप्रीम एनर्जी में ट्रांसफर होंगे।
- जैसे नूपावर की शेयर्स ट्रांसफर हुई घूत के पास वापस नूपावर की कमान आ गई जिसे 2009 में उन्होंने छोड़ा था।
- साल 2011 में सुप्रीम एनर्जी ने नूपावर को अपने पार्टनर महेश चंद्र पुगलिया को ट्रांसफर कर दिया।
- साल 2012 में घूत की कंपनी वीडियोकॉन ने ICICI बैंक से 3,250 करोड़ का लोन लिया।
- लोन देने वाली कमेटी में दीपक कोचर की पत्नी और ICICI बैंक की MD और CEO चंदा कोचर शामिल थी।
- साल 2013 में पुगलिया ने नूपावर को दीपक कोचर की पिनेकल एनर्जी को सिर्फ 9 लाख रुपय में बेच दिया।
- अब जैसे ही वेणुगोपाल घूत ने 3,250 करोड़ के लोन को NPA घोषित किया मामला उजागर हो गया।