अजय द्विवेदी, इंडिया न्यूज, अंबाला:
IIT Kanpur Professor Claims आईआईटी कानपुर के मैथमेटिक्स और स्टैटिस्टिक्स डिपार्टमेंट के प्रोफेसर शलभ, एसोसिएट प्रोफेसर शुभ्रा शंकर धर और उनके स्टूडेंट सब्र प्रसाद राजेशभाई ने कोरोना लहर पर शोध किया। ये शोध कोरोना की चौथी लहर को लेकर किया गया है। शोधकर्ता टीम ने कोरोना की चौथी लहर 22 जून से शुरू होने का अनुमान लगाया है। साथ ही अगस्त में पीक टाइम होने का जिक्र है। ये लहर अक्टूबर तक चलेगी। इससे पहले भी शोधकर्ता टीम कोरोना की लहर को लेकर दो बार सटीक दावे कर चुकी है। आने वाले कोरोना संकट से बचने के लिए लोगों को पहले से अगाह कर दिया। शोध से सरकार समेत स्वास्थ्य मंत्रालय व लोग सचेत होकर कोराना से बचाव कर सके।
आईआईटी कानपुर की शोधकर्ता टीम ने हेल्थ साइंस पर अनपब्लिश्ड प्रिंट आॅनलाइन जारी करने वाली चर्चित वेबसाइट टीफि७्र५ ने 24 फरवरी को पब्लिश किया है। इससे सरकार समेत लोग सचेत होकर अपना समेत दूसरों का बचाव कर सकें। इससे कम से कम लोगों को जान से हाथ धोना पड़े।
शोधकर्ता टीम ने बताया कि भारत में कोरोना का पहला केस आने के 936 दिन बाद चौथी लहर शुरू हो सकती है। देश में आधिकारिक तौर पर कोरोना का पहला केस 30 जनवरी 2020 को सामने आया था। अध्ययन के अनुसार चौथी लहर के 22 जून 2022 से शुरू होने और 24 अक्टूबर तक खत्म होने का अनुमान है। चौथी लहर का पीक 15 से 31 अगस्त के बीच रहेगा। इस दौरान 23 अगस्त को सबसे ज्यादा नए केस सामने आएंगे। उसके बाद केस घटने लगेंगे।
शोध के अनुसार चौथी लहर की गंभीरता कोरोना के नए वैरिएंट के आने और देश में वैक्सीनेशन की स्थिति पर निर्भर करेगी। इससे पहले भी टीम दो बार सही साबित हो चुका है। इससे लोग नए शोध को सही मानकर चल रहे है। साथ ही आने वाले नए वैरिएंट से निपटने पर युद्धस्तर पर तैयारी चल रही है।
चौथी लहर की भविष्यवाणी करने वाले आईआईटी कानपुर के रिसर्चर्स ने इसके लिए ”बूटस्ट्रैप” और गाउसीय डिस्ट्रिब्यूशन जैसी स्टैटिस्टिकल मेथेड का यूज किया। रिसर्चर्स ने चौथी लहर के पीक के टाइम पॉइंट के बीच कॉन्फिडेंस इंटरवल की कैलकुलेशन की। कॉन्फिडेंस इंटरवल स्टैटिस्टिक्स में इस्तेमाल होने वाला एक मैथड है। इसके तहत सैंपलिंग मैथड में अनिश्चितता या निश्चितता की डिग्री को मापा जाता है। रिसर्चर्स का कहना है कि इस मैथड का इस्तेमाल करके न केवल चौथी लहर बल्कि अन्य देशों में आने वाली लहरों की भी भविष्यवाणी की जा सकती है।
चौथी लहर आने की कितनी आशंका है, इसे लेकर दैनिक भास्कर ने कोरोना की चौथी लहर को लेकर स्टडी करने वाले ककळ कानपुर के प्रोफेसर शलभ से बात की। उनका कहना है कि-ह्यह्णये एक अनुमान है। ये साइंटिफिक स्टडी है, जो जिम्बाब्वे जैसे उस देश के डेटा के आधार पर हुई है, जहां कोरोना की चौथी लहर आ चुकी है।
Also Read : Covid 19 New Cases Update कोरोना से 255 मौतें, 11499 नए मामले
महामारी विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहरिया ने बताया चौथी लहर को लेकर आई स्टडी अनुमान पर ज्यादा आधारित है और इसे लेकर वैज्ञानिक आधार स्पष्ट नहीं है। अभी चौथी लहर का अनुमान लगा पाना मुश्किल है। साथ ही बताया अभी ये अनुमान लगा पाना मुश्किल है। अब टेस्टिंग रणनीति बदल गई है और एसिम्प्टोमेटिक लोगों की टेस्टिंग नहीं हो रही है। केसेज की संख्या उस समय के वैरिएंट की गंभीरता पर निर्भर करेगी।
डॉ. लहरिया ने कहा, चौथी लहर में कौन सा वैरिएंट डॉमिनेंट होगा, इसका अनुमान लगा पाना मुश्किल है। यह वायरस के म्यूटेशन पर निर्भर करेगा, लेकिन ग्रीक अल्फाबेट के अनुसार कोरोना के अगले वैरिएंट का नाम पाई होगा। डॉ. लहरिया ने कहा, भले ही समय बीतने के साथ वैक्सीन की इम्यूनिटी कमजोर हो जाए, लेकिन सेलुलर इम्यूनिटी खत्म नहीं होती है। यही इंसान को कोरोना वैरिएंट से बचाती है। बूस्टर डोज को लेकर अभी और स्टडी की जरूरत है। केवल 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर डोज की जरूरत है।
Also Read : Covid 19 Vaccination In India विशेषज्ञों की राय पर निर्भर करेगा 15 तक की उम्र के बच्चों का टीकाकरण
India News (इंडिया न्यूज़),Bihar News: बिहार की राजनीति में लालू परिवार का विवादों से शुरू…
वीडियो सामने आने के बाद इलाके के स्थानीय निवासियों और ग्राहकों में काफी गुस्सा देखा…
India News(इंडिया न्यूज),Delhi News: दिल्ली में चुनाव को लेकर क्षेत्र की प्रमुख पार्टियों ने तैयार…
India News(इंडिया न्यूज),UP Crime: यूपी के मथुरा में 10वीं में पढ़ने वाले नाबालिग ने फांसी…
Navjot Singh Sidhu's Health Adviced to Cancer Patient: सिद्धू ने जोर दिया कि कैंसर से लड़ाई…
इजराइल ने ईरान समर्थित सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह के खिलाफ अपने गहन सैन्य अभियान को आगे…