India News (इंडिया न्यूज),Devkinandan Thakur: सावन के पहले दिन यानी 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है। इसको लेकर उत्तर प्रदेश में एक सरकारी आदेश के बाद विवाद खड़ा हो गया है। राज्य सरकार ने कांवड़ मार्ग पर ढाबा मालिकों और होटल के नाम की प्लेट लगाने का आदेश दिया है। योगी सरकार के इस फैसले की काफी आलोचना की जा रही है। कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने प्रशासन के इस फैसले का समर्थन किया है।
शुद्धता और पवित्रता का सनातन धर्म में विशेष ध्यान
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, “इस बार यूपी की योगी सरकार कांवड़ लाने वाले श्रद्धालुओं का खास ख्याल रख रही है। उन पर फूल बरसा रही है, साथ ही नाम बदलकर उन्हें कौन खाना परोस रहा है, इस पर भी ध्यान दे रही है। कांवड़ लाना एक तपस्या है, यह कोई साधारण विषय नहीं है। भक्त नंगे पैर कई किलोमीटर चलकर गंगा जल लाकर भगवान शिव को चढ़ाते हैं। शुद्धता और पवित्रता का सनातन धर्म में विशेष ध्यान रखा जाता है। ऐसे में अगर किसी समुदाय विशेष का व्यक्ति ढाबा चलाता है और हमारे भगवान के नाम पर खाना परोसता है तो यह गलत है। उनकी और हमारी खान-पान की आदतें अलग-अलग हैं। इसलिए यह बताना सही है कि ढाबा और होटल कौन चला रहा है।”
मक्का-मदीना में भी मुस्लिम लोगों को बहुत सावधान रहना पड़ता है
देवकीनंदन ने कहा, “अगर हिंदू और मुस्लिम भाई-भाई हैं तो उनको उस रूट पर किसी खास समय पर ही ढाबा या होटल चलाने की जरूरत ही क्या है? अगर वे चला भी रहे हैं तो उन्हें अपना नाम साफ-साफ लिखना चाहिए। मक्का-मदीना में भी मुस्लिम लोगों को बहुत सावधान रहना पड़ता है। जब मक्का जाते समय सावधानी बरती जा सकती है तो कांवड़ के दौरान क्यों नहीं?”
कांवड़ लाने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलें
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कहा, “इस मुद्दे पर राजनीति करने वालों से मेरा अनुरोध है कि वे कांवड़ लाने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलें। इसके बाद आपको पता चलेगा कि कांवड़ लाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना होता है।” देवकीनंदन ने कांवड़ियों से यात्रा के दौरान घर से प्रसाद लेकर आने की भी अपील की है। उन्होंने कहा, “कांवड़ यात्रा के दौरान घर से प्रसाद लेकर आएं या फिर किसी सनातनी व्यक्ति के ढाबे और होटल में खाना खा लें।”
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