मनोहर केसरी (विशेष संवाददाता)

दुनियाभर के 20 से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बाद मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिशानिर्देश जारी किया हैं। आपको बता दें फ़िलहाल भारत में एक भी मंकीपॉक्स का मरीज सामने नहीं आया है। क्लिनिकल नमूने एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के माध्यम से एनआईवी पुणे शीर्ष प्रयोगशाला को भेजे जाएंगे

देश में मंकीपॉक्स का एक भी मरीज नहीं

दूसरे देशों में मंकीपॉक्स (एमपीएक्स) के मामलों की बढ़ती रिपोर्टों के मद्देनजर, मंकीपॉक्स के प्रबंधन के लिए एक सक्रिय और जोखिम-आधारित दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में और देश को आगे बढ़ाने के लिए तैयारियों के रूप में, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने “मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन पर दिशानिर्देश’ जारी किया। हालाँकि, अबतक देश में मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है।

दिशानिर्देशों के अनुसार, पोलीमर्स चेन रिएक्शन (पीसीआर) अनुक्रमण द्वारा वायरल डीएनए के अद्वितीय अनुक्रमों का पता लगाने के द्वारा मंकीपॉक्स वायरस के लिए एक पुष्ट मामले की पुष्टि की जाती है। सभी नैदानिक ​​नमूनों को एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क जिला/राज्य के माध्यम से आईसीएमआर-एनआईवी (पुणे) की शीर्ष प्रयोगशाला में भेजे जाएंगे।

मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन पर दिशानिर्देशों में रोग की महामारी विज्ञान (मेजबान, ऊष्मायन अवधि, संचार की अवधि और संचरण की अवधि सहित; संपर्क और मामले की परिभाषा; नैदानिक ​​​​निदान, केस संचार की विशेषताएं, और इसकी जटिलता, प्रबंधन, जोखिम पर मार्गदर्शन शामिल हैं।

नए मामलों की तेजी से पहचान पर दिया गया है जोर

इन गाइडलाइन्स में निगरानी और नए मामलों की तेजी से पहचान पर जोर दिया गया है क्योंकि, प्रकोप रोकथाम के लिए प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के रूप में मानव-से-मानव संचरण के जोखिम को कम करने की आवश्यकता है। यह संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण (आईपीसी) उपायों, घर पर आईपीसी, रोगी अलगाव और एम्बुलेंस स्थानांतरण रणनीतियों, अतिरिक्त सावधानियों का ध्यान रखने और अलगाव प्रक्रियाओं की अवधि के बारे में बताता है।

दिशानिर्देशों के अनुसार, संक्रामक अवधि के दौरान किसी रोगी या उनकी दूषित सामग्री के साथ अंतिम संपर्क से 21 दिनों के लिए संकेतों / लक्षणों की शुरुआत के लिए संपर्कों की कम से कम दूर रहना चाहिए।

वायरस से होने वाली इस बीमारी के डराने की बजाय प्रति लोगों को जागरूक फैलाना आवश्यक है जैसे बीमार व्यक्ति और उसके कॉन्टेक्ट में आने वाली चीजों के संपर्क से बचना, संक्रमित रोगी को दूसरों से अलग करना , रोगियों की देखभाल करते समय हाथ की सफाई और उपयुक्त व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का उपयोग करना।

नॉन-एन्डेमिक देशों में भी सामने आए मामले

मंकीपॉक्स मध्य और पश्चिमी अफ्रीकी देशों जैसे: कैमरून, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कोटे डी आइवर, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, गैबॉन, लाइबेरिया, नाइजीरिया, कांगो गणराज्य और सिएरा लियोन में एंडेमिक के रूप में है । हालाँकि, कुछ नॉन-एन्डेमिक देशों में भी मामले सामने आए हैं जैसे यूएसए, यूनाइटेड किंगडम, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ऑस्ट्रिया, इज़राइल, स्विट्जरलैंड आदि।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय इस पर कड़ी नजर बनाए हुए है और इस बीमारी सम्बंधित गाइडलाइन्स को मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर भी पोस्ट किया है जिसे आप यहां क्लिक करके देख सकते हैं

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