India-Bangladesh Friendship Pipeline: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना पहली भारत-बांग्लादेश ऊर्जा पाइपलाइन का आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन करेंगे। दोनों देशों के बीच यह पहली सीमापार पाइपलाइन है। इसे लगभग 377 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। कुल कीमत में 285 करोड़ रुपये बांग्लादेश में पाइपलाइन बिछाने में व्यय हुए हैं। यह राशि भारत ने अनुदान सहायता के तहत खर्च की है।
सालाना 10 लाख मीट्रिक टन हाई-स्पीड डीजल की होगी सप्लाई
इस पाइपलाइन से एक साल में 10 लाख टन हाई-स्पीड डीजल को भेजा जा सकता है। इसके माध्यम से शुरुआत में उत्तरी बांग्लादेश के सात जिलों में हाई-स्पीड डीजल भेजा जाएगा। भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन 131.5 किलोमीटर लंबी है और इसका इस्तेमाल भारत से बांग्लादेश को डीजल की आपूर्ति के लिए किया जाएगा। इस पाइपलाइन से डीजल की आपूर्ति इस साल जून में प्रायोगिक आधार पर शुरू होगी।
2018 में शुरू हुआ पाइपलाइन का निर्माण
इस पाइपलाइन परियोजना का निर्माण 2018 में भारत की अनुदान राशि की मदद से शुरू हुआ। भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन से हर साल उत्तरी बांग्लादेश के सात जिलों में 1 मिलियन मीट्रिक टन हाई-स्पीड डीजल की सप्लाई की जाएगी। यह पाइपलाइन नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) के सिलीगुड़ी स्थित मार्केटिंग टर्मिनल से बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (बीपीसी) के पारबतीपुर डिपो तक जाती है।
भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन के आगे विस्तार के विकल्प के साथ ईंधन परिवहन सौदा 15 साल के लिए प्रभावी होगा। पीएम मोदी के कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन का संचालन भारत से बांग्लादेश तक एचएसडी (हाई-स्पीड डीजल) के परिवहन के लिए एक स्थाई, भरोसेमंद, कम लागत वाला और पर्यावरण के अनुकूल साधन तैयार करेगा और ऊर्जा सुरक्षा में सहयोग को और बढ़ाएगा।
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