India-China Border Dispute

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

India-China Border Dispute एलएसी पर चीन के साथ भारत के रिश्ते लगातार तनावपूर्ण चल रहे हैं। दोनों देशों की सेनाओं के प्रतिनिधियों के बीच उच्चस्तरीय बातचीत होती है परंतु फिर भी तनाव लगातार बना रहता है।

इसी दौरान चीन ने अपनी विस्तारवादी सोच को आगे बढ़ाते हुए सीमा पर न केवल सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है बल्कि सीमा के साथ लगते विवादित क्षेत्रों में गांव भी बसा लिए हैं। ताकि भारत पर मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल की जा सके और समय आने पर उन गांवों से सैनिक सहायता भी ली जा सके।

भारतीय सेना भी मुस्तैद
चीन द्वारा सीमा पर की जा रही गतिविधियों को देखते हुए भारतीय सेना भी मुस्तैद हो गई है। भारतीय सेना भी किसी तरह की कौताही बरतने के मूढ़ में नहीं है। बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना ने खुद को लो लेवल लाइटवेट रडार (एलएलएलडब्ल्यूआर) से लैस करने की मांग की है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, भारतीय सैन्य अधिकारी ने बताया कि एलएसी पर पहाड़ी इलाकों के कारण निगरानी करना संभव नहीं है। इसका फायदा उठाकर दुश्मन के हेलीकॉप्टर, ड्रोन आसानी से भारतीय सीमा पर प्रवेश कर जाते हैं। इसलिए भारतीय सेना को एलएलएलडब्ल्यूआर से लैस किए जाने की आवश्यकता है।

India-China Border Dispute पिछले 18 माह से आमने-सामने डटी सेनाएं

सैन्य अधिकारियों का मानना है कि चीन के साथ भारत का उत्तरी और पूर्वी सीमाओं पर तनाव बढ़ता जा रहा है। इस तनाव के कारण पिछले 18 महीने से दोनों देशों की सेनाएं एलएसी पर डटी हुई हैं। कई बार सैन्य वार्ता का भी कोई नतीजा नहीं निकला है।

ऐसे में इस दुर्गम क्षेत्र को चीन से और सुरक्षित करने के लिए सेना को लो लेवल लाइटवेट रडार की आवश्यकता है। सेना को ऐसा रडार चाहिए 50 किमी की सीमा पर वायु रक्षा हथियारों का सामरिक नियंत्रण भी रखता हो। सरकार ने 209 ऐसी रक्षा वस्तुओं की सूची जारी की है, जिनके आयाता पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। एलएलएलडब्ल्यूआर भी उनमें से एक है।

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