India-China News: भारत चीन को उसी की भाषा में जवाब देने की तैयारी में जुट गया है। गौरतलब है कि चीन हमेशा भारत की सीमावर्ती इलाकों को हड़पने की फिराक में लगा रहता है, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के नए फैसले के बाद अब वो हिमाकत की जुर्रत करने से पहले सौ बार सोचेगा। मोदी कैबिनेट ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की 7 नई बटालियन के गठन का फैसला किया है। इसके अलावा भारत-चीन सीमा पर आईटीबीपी के लिए एक नए ऑपरेशनल बेस बनाने की मंजूरी दे दी है। साथ हीं कैबिनेट ने 4.1 किलोमीटर लंबी सिंकुला टनल के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है। इस टनल से लद्दाख में सभी मौसम में कनेक्टिविटी की सुविधा मिलेगी।
कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक के दौरान प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट प्रेस ब्रीफिंग के दौरान संवाददाताओं को यह जानकारी दी। मोदी सरकार ने ये फैसला ऐसे वक्त पर लिया है जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में मई 2020 में हिंसक झड़प हुई थी। इसके बाद से हीं भारत और चीन के बीच सीमा विवाद चल रहा है। इतना ही नहीं पिछले साल दिसंबर में भी अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीन की सेना आमने सामने आ गई थी।
भारत-चीन की सेनाएं 2020 से लद्दाख में आमने-सामने हैं
1962 के बाद चीनी आक्रामकता से निपटने के लिए आईटीबीपी के लगभग 90,000 कर्मियों को भारत के पूर्वी हिस्से पर 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की रखवाली करने का काम सौंपा गया है। आईटीबीपी इस मोर्चे पर सेना के साथ काम कर रही है। भारत और चीन की सेनाएं 2020 से लद्दाख में आमने-सामने हैं। सरकार की मंजूरी के अनुसार, इस सीमा के साथ बड़े पैमाने पर अरुणाचल प्रदेश में 47 नई सीमा चौकियों और एक दर्जन ‘स्टेजिंग कैंप’ या सैनिकों के ठिकानों को बनाने के लिए नए जनशक्ति का उपयोग किया जाएगा। इन ठिकानों को 2020 में मंजूरी दी गई थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एलएसी की प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, इन नए ठिकानों को मंजूरी दी गई थी और अब सात बटालियन और लगभग 9,400 कर्मियों वाला एक नया सेक्टर मुख्यालय स्वीकृत किया गया है।
ITBP के पास वर्तमान में एलएसी पर 176 सीमा चौकियां हैं
अनुराग ठाकुर ने कहा कि बटालियनों और सेक्टर मुख्यालयों को 2025-26 तक स्थापित किए जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण, कार्यालय और आवासीय भवनों के निर्माण और हथियारों और गोला-बारूद के लिए 1,808.15 करोड़ रुपये का गैर-आवर्ती व्यय होने का अनुमान है, जबकि 963.68 करोड़ रुपये का आवर्ती वार्षिक व्यय वेतन और राशन मद के तहत किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि 47 नई सीमा चौकियों के बनने से इन ठिकानों की ताकत में 26 फीसदी की बढ़ोतरी होगी, जबकि 9,400 नए जवानों के शामिल होने से इसकी ताकत में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। बल के पास वर्तमान में एलएसी पर 176 सीमा चौकियां हैं।
सिंकुला टनल सुरक्षा के दृष्टिकोण से अहम कदम
वहीं, सूत्रों का दावा है कि सिंकुला टनल सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक अहम कदम है। दरअसल, लद्दाख में निमू करगिल और लेह के करीब है और अगर कोई तनावपूर्ण स्थिति होती है तो इस क्षेत्र में बलों और उपकरणों की तुरंत तैनाती में सुरक्षाबलों को काफी मदद मिलेगी। अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दिसंबर 2025 तक ये टनल बन जाएगी। इसकी लागत 1,681 करोड़ रुपए आएगी। उन्होंने बताया कि यह टनल देश की सुरक्षा के लिए काफी अहम है। इससे हमारे सुरक्षा बलों की आवाजाही में भी मदद मिलेगी।
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