India News (इंडिया न्यूज़), Saudi Arabia On Kashmir: भारत और पाकिस्तान के बीच दुश्मनी की सबसे बड़ी वजह कश्मीर मुद्दा है। आजादी के बाद से ही पाकिस्तान अपना दावा कश्मीर पर ठोकता रहा है। जिसको लेकर पड़ोसी मुल्क हर अंतराष्ट्रीय मंच पर इस मुद्दे को उठाता रहा है। जहां से उसे हमेशा मायूसी हाथ लगी है। इस बीच सऊदी अरब ने पाकिस्तान के साथ हस्ताक्षरित एक संयुक्त बयान में जम्मू-कश्मीर पर भारत के रुख का समर्थन किया। साथ ही दोनों देशों से अपने बकाये मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से हल करने के लिए कहा। दरअसल, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी शासक प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच 7 अप्रैल को मक्का के अल-सफा पैलेस में एक आधिकारिक बैठक के एक दिन बाद संयुक्त बयान को जारी किया गया।
सऊदी अरब ने संयुक्त बयान में क्या कहा?
सऊदी अरब ने पाकिस्तान के साथ संयुक्त बयान में कहा है कि दोनों पक्षों ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के बीच लंबित मुद्दों, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर विवाद को हल करने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच बातचीत के महत्व पर जोर दिया। कश्मीर पर भारत की लंबे समय से स्थिति यह रही है कि यह दोनों देशों के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता या हस्तक्षेप का कोई सवाल ही नहीं है। जबकि भारत और पाकिस्तान दोनों के सऊदी अरब सहित अरब देशों के साथ लंबे समय से मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के तहत नई दिल्ली और रियाद के बीच संबंधों में काफी सुधार हुआ है। दरअसल, सऊदी अरब ने जम्मू-कश्मीर पर संतुलित रुख बनाए रखा है।
पाकिस्तान को हमेशा हाथ लगी मायूसी
बता दें कि, साल 2019 में पाकिस्तान ने अमेरिका से कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान पर बातचीत शुरू करने के लिए भारत को मनाने का आग्रह किया था। यह तब हुआ जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की। खैर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह स्पष्ट कर दिया था कि इस मुद्दे पर कोई भी चर्चा, यदि आवश्यक हुई, केवल पाकिस्तान के साथ और केवल द्विपक्षीय रूप से होगी। इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि जम्मू-कश्मीर देश का हमेशा अभिन्न अंग था, है और रहेगा।
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