India News (इंडिया न्युज), India Japan Discussion: विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर और उनके जापानी समकक्ष योशिमासा हयाशी ने गुरुवार को एक स्वतंत्र, खुले और समृद्ध भारत-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने में भारत-जापान साझेदारी की भूमिका पर जोर दिया है। रक्षा उपकरणों व प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में विस्तार करने के तरीकों के अलावा सेमीकंडक्टर जैसी महत्वपूर्ण व उभरती हुई प्रौद्योगिकियों में संभावित सहयोग की संभावनाओं को तलाशने की बात की गई।

दोनों विदेश मंत्री के बीच हुई वार्ता

विदेश मंत्रालय के द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि, दोनों पक्षों ने 2022-27 की अवधि में भारत में पांच लाख करोड़ येन के जापानी निवेश के लक्ष्य को हासिल करने के महत्व को बताया। जापानी विदेश मंत्री के दो दिवसीय भारत यात्रा पर आने के बाद पहुंचने के बाद यह वार्ता दोनों देशों के बीच हुआ। उन्होंने बताया कि, इस यात्रा का मकसद भारत-जापान रणनीतिक संबंधों की समीक्षा करना और उन्हें सशक्त बनाना है।

राजनीतिक, रक्षा एवं सुरक्षा के साथ कई मुद्दों पर चर्चा

एक ट्वीट के द्वारा जयशंकर ने 15वीं भारत-जापान रणनीतिक वार्ता में काफी गर्मजोशी से इस मुद्दे पर चर्चा किया। जिसमे उन्होंने कहा, ‘हमारी वार्ता में राजनीतिक, रक्षा एवं सुरक्षा,आर्थिक एवं वाणिज्यिक, कनेक्टिविटी और दोनों देशों के बीच संपर्क के मुद्दे शामिल थे। हमारा जुड़ाव पूर्वी एशिया व आसियान से लेकर दक्षिण एशिया व पूर्वी अफ्रीका तक कई गतिविधियों और प्रतिबद्धताओं में दिखाई देता है।’

आतंकवाद से लड़ाई और अप्रसार पर भी हुआ विचार

उन्होंने आगे कहा कि, आतंकवाद से लड़ाई और अप्रसार पर भी विचारों का आदान प्रदान किया गया। साथ ही हिंद प्रशांत, जी-20 और जी-7 पर भी दृष्टिकोण साझा किए। विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जल्द से जल्द सुधार की जरूरत पर सहमति व्यक्त की।

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