India Maldives Row: मालदीव के राष्ट्रपति मुहम्मद मुइज्जू के भारत विरोधी सुर में बदलाव देखने को मिल रहा है। मालदीव से भारतीय सैनिकों को वापस भेजने पर अड़े मुइज्जू को अब भारत ही अपना सबसे अहम सहयोगी नजर आ रहा है। उन्होंने भारत से कर्ज की किस्त चुकाने में राहत देने का अनुरोध किया है। मालदीव ने 2023 के अंत तक भारत से 400 मिलियन डॉलर से ज्यादा का कर्ज लिया है और अब उसे समझौते के मुताबिक इसे लौटाना है।
मुइज्जू ने मालदीव में भारत विरोधी मुद्दे को मुद्दा बनाकर राष्ट्रपति चुनाव जीता था। नवंबर 2023 में शपथ लेने के कुछ ही घंटों बाद उन्होंने मालदीव के लोगों की मदद के लिए दिए गए भारतीय हेलीकॉप्टरों का संचालन करने वाले भारतीय सैनिकों को देश छोड़ने के लिए कहा। इसके बाद उन्होंने इंडिया आउट के अपने नारे को लागू करने की पुरजोर कोशिश की।
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मुइज्जू ने क्या कहा?
भारत विरोधी प्रचार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणियों के बाद मुइज्जू चीन गए और उसके साथ एक गुप्त समझौते पर हस्ताक्षर किए, लेकिन गुरुवार को मालदीव मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा,
भारत मालदीव में चल रही परियोजनाओं का सबसे बड़ा समर्थक है। भारत उन परियोजनाओं के लिए हर तरह की मदद मुहैया करा रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि भारत मालदीव का सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी बना रहेगा।
राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू ने मालदीव न्यूज पोर्टल एडिशन।एमवी को दिए इंटरव्यू में यह बात कही। राष्ट्रपति बनने के बाद मालदीव की मीडिया को दिया गया यह उनका पहला इंटरव्यू है। भारत से नजदीकी दिखाने वाला मुइज्जू का यह बयान तब आया है जब दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत मालदीव में तैनात 88 सैनिकों का पहला समूह भारत लौट आया है। सभी जवानों को 10 मई तक वापस लौटना है।
गौरतलब है कि भारत के लक्षद्वीप के पास स्थित मिनीके द्वीप से मालदीव की दूरी केवल 70 समुद्री मील है।
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