India News (इंडिया न्यूज),India Maldives Row: मालदीव के मंत्रियों की पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आ गई है। भारत ने जहां टिप्पणियों पर विरोध दर्ज कराया, वहीं अन्य देशों ने भी भारत का समर्थन किया।
इस बीच भारत के लोग और कई बड़ी हस्तियां भी मालदीव पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। लोगों ने मालदीव जाने की बजाय लक्षद्वीप जाने की बात कही है। इसके साथ ही बॉयकॉट मालदीव भी ट्रेंड करने लगा और कई विदेशी टूर बुकिंग एजेंसियों ने भी मालदीव पैकेज बंद करने की घोषणा कर दी। भारत से विवाद के बाद मालदीव को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसा क्यों है, आइए जानते हैं।
पर्यटकों की संख्या में गिरावट
भारत के साथ विवाद गहराने के बाद मालदीव में पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है। भारत से ही सैकड़ों लोगों ने अपनी यात्राएं रद्द कर दी हैं। इसके साथ ही मेक माई ट्रिप और ईज माई ट्रिप ने मालदीव के लिए अपनी बुकिंग रद्द कर दी।
भारत दूसरा सबसे बड़ा पर्यटन बाजार
मालदीव के लिए भारत दूसरा सबसे बड़ा पर्यटन बाज़ार है। भारतीय पर्यटक बड़ी संख्या में मालदीव जाते हैं। हाल के वर्षों में मालदीव में पर्यटकों के आगमन में भारत का लगातार योगदान रहा है, जिससे यह शीर्ष पसंदीदा अवकाश स्थलों में से एक बन गया है।
हो सकता है बड़ा नुकसान
मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि भारत 2023 के पहले 11 महीनों में द्वीप राष्ट्र के लिए पर्यटकों का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत था। इस अवधि के दौरान 183,371 पर्यटकों ने मालदीव का दौरा किया।
भारत से पर्यटकों का मालदीव न जाना इस देश के लिए बड़ा नुकसान साबित हो सकता है। हाल ही में बड़ी संख्या में भारतीयों ने मालदीव का बहिष्कार कर लक्षद्वीप जाने की बात कही है।
रूस से आते हैं सबसे ज्यादा पर्यटक
आपको बता दें कि पिछले साल मालदीव में सबसे ज्यादा पर्यटक रूस से आए थे। पिछले साल 1 लाख 91 हजार 117 रूसी पर्यटक मालदीव आए थे। वहीं, तीसरे स्थान पर चीन रहा, जिसके 1 लाख 75 हजार 592 लोग मालदीव गए थे।
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