India News (इंडिया न्यूज), Indian Army: भारतीय सेना अपने साहस के लिए पूरे विश्व में मशहूर है। साथ ही भारतीय सेना का गोरखा रेजिमेंट अपने बहादुरी के कई झंडे गाड़ चुका है। दरअसल, नेपाल के गोरखा पिछले 130 सालों से भारतीय सेना का हिस्सा हैं। नेपाल के अलावा कई पड़ोसी देशों के लोग भारतीय सेना में भर्ती होते हैं। वहीं पाकिस्तान, चीन और कई पड़ोसी देश भारतीय सेना में शामिल नहीं हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि किस-किस देश के युवा भारतीय सेना में शामिल हो सकते हैं।

नेपाल

भारतीय सेना में नेपाल के नागरिक भारतीय शामिल हो सकते हैं। खासकर गोरखा सैनिकों की भर्ती के जरिए। दरअसल, यह परंपरा ब्रिटिश काल से चली आ रही है। भारतीय सेना में 4 गोरखा रेजिमेंट हैं।

भूटान

भूटानी के नागरिक भारतीय सेना में शामिल होने के पात्र हैं। उस देश के नागरिक विशेष भर्ती योजनाओं के तहत भारतीय सेना में शामिल होते रहे हैं। उन्हें बस भूटान का नागरिक होना चाहिए।

तिब्बत

तिब्बती शरणार्थी भारतीय सेना में शामिल होते हैं। दरअसल, भारत के पास तिब्बती सैनिकों का एक विशेष दस्ता है, जो हिमालय में चीन के खिलाफ युद्ध में विशेषज्ञ आक्रामक दस्ते की भूमिका निभाता है। हालांकि, तिब्बती शरणार्थियों को भारतीय सेना में शामिल होने से पहले अतिरिक्त जांच का सामना करना पड़ता है।

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इन देशों के नागरिकों को भी किया जाता है शामिल

बता दें कि, पाकिस्तान, बर्मा, श्रीलंका, केन्या, थाईलैंड, युगांडा, तंजानिया, जाम्बिया, मलावी, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, इथियोपिया और वियतनाम जैसे देशों से आए भारतीय मूल के लोगों को भी सेना में भर्ती किया गया है। लेकिन शर्त ये है कि वे भारत में स्थायी रूप से बस गए हों।

भारतीय सेना में कितने धर्मों के लोग हैं शामिल

भारतीय सेना में कई धर्मों के लोग शामिल हैं। परंतु बहुसंख्यक हिंदू हैं। भारतीय सेना में 70 प्रतिशत हिंदू हैं। साथ ही मुस्लिम लगभग 3 प्रतिशत, सिख 8 प्रतिशत, ईसाई दो से तीन प्रतिशत शामिल हैं। इसके अलावा बौद्ध, जैन और पारसी भी भारतीय सेना में शामिल हैं। हालांकि, उनकी संख्या बहुत कम है।

किन पड़ोसी देशों के नागरिक नहीं हो सकते शामिल

गौरतलब है कि, पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन, अफगान, यूरोप, अफ्रीका, अमेरिका, श्रीलंका, म्यांमार और मालदीव के नागरिक भारतीय सेना में शामिल नहीं हो सकते हैं।

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