India News (इंडिया न्यूज),Indian Army:भारत की रक्षा के लिए तैनात भारतीय सेना हमारे देश पर हमला करने वाले आतंकियों को मार गिराती है। ऐसे में उनके शवों के साथ क्या किया जाए, यह एक संवेदनशील मुद्दा है। यह मुद्दा न केवल मानवता के दृष्टिकोण से बल्कि कानूनी दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। ऐसे में सवाल उठता है कि सेना मारे गए आतंकियों के शवों के साथ क्या करती है। आइए आज इस सवाल का जवाब जानते हैं।

शवों की होती है मेडिकल जांच

जब सेना किसी आतंकी को मार गिराती है, तो सबसे पहले शव को मेडिकल और पहचान जांच के लिए ले जाया जाता है। इसमें पोस्टमॉर्टम और डीएनए जांच जैसी प्रक्रियाएं शामिल हो सकती हैं, ताकि शव की पहचान हो सके और यह पुष्टि हो सके कि वह आतंकी ही था। हालांकि, कई बार सुरक्षा कारणों से शव को तुरंत वहां से हटा दिया जाता है, ताकि दूसरे आतंकी या उनके समर्थक उसे वापस न ले जा सकें।

आतंकियों के शवों का क्या होता है?

अगर उस आतंकी के शव की पहचान हो जाती है और उसके परिजन या रिश्तेदार उसका शव लेने के लिए तैयार हो जाते हैं, तो आतंकी का शव उसके परिजनों को सौंप दिया जाता है। अगर कोई शव लेने को तैयार नहीं होता है तो स्थानीय प्रशासन या न्यायिक प्रक्रिया के तहत शव का निपटारा किया जा सकता है, कई बार शव को स्थानीय पुलिस को सौंप दिया जाता है और फिर पारंपरिक तरीकों से दफना दिया जाता है। हालांकि, कुछ देशों में आतंकवादियों के शवों को सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित किया जाता है, ताकि लोगों में डर पैदा किया जा सके और आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ एक कड़ा संदेश दिया जा सके।

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