इंडिया न्यूज़(जम्मू-कश्मीर,Three nephews of Jaish-e-Mohammed chief Masood Azhar were killed by security forces): 26 जनवरी को ध्यान में रखते हुए भारत की पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर भारतीय जवान हाई अलर्ट हैं। कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों को बेअसर करने के लिए सुरक्षा बलों का अभियान भी जारी है। इसी के मद्देनज़र पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश -ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर के तीन भतीजों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया गया।
तीनों ने भारत में घुसपैठ की थी। वह तीनों कश्मीर की घाटी को एक बार फिर आतंकवाद की गतिविधियों से दहलाना चाहते थे। हालांकि सुरक्षा बलों ने अपने साहस का परचम लहराते हुए तीनों आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया।
स्थानीय लोग आतंकवाद से दूर हो रहे
ये जानकारी ANI के पॉडकास्ट इंटरव्यू में भारतीय सेना के पूर्व DGMO लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट्ट ने दी। अब स्थानीय लोग आतंकवाद से दूर रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि घाटी में आतंकी संगठनों के लिए हालात कितने खराब हो चुके हैं, इसका अंदाजा ऐसे लगा सकते हैं कि जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर (Maulana Masood Azhar) ने अपने तीन भतीजे यहां भेजे थे।
15 दिन में तीनों को किया ढ़ेर
इन तीनों को घाटी में बड़े पैमाने पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन वह तीनों ही घाटी में 15 दिन से ज्यादा नहीं जी सके। जनरल भट्ट ने आगे कहा कि हमारे सुरक्षा बलों ने आतंकियों की औसत उम्र घटा दी है पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकी 10 साल जीते थे अब 9 महीने ही और कुछ तो उससे भी कम जी पाते हैं। सेना ने उनकी कोशिशों को नाकाम करते हुए पहले भतीजे को 15 दिनों में दूसरे को 10 दिनों में तीसरे को सिर्फ 3 दिनों में ही मार गिराया है।