India News (इंडिया न्यूज), शुभ राणा की रिपोर्ट, Indian Navy Powerful Warship Tushil: भारत की सेना लगातार ताकतवर हो रही है। इसी प्रयास के तहत भारत की नौसेना जल्द ही एक नया आधुनिक युद्धपोत मिलने जा रहा है। ग्रीगोरोविच क्लास का गाइडेड-मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट, INS तुशील…रूस की सौगात है। यह नया जहाज भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगा और रूस के साथ लंबे समय से चले आ रहे रक्षा संबंधों को और बढ़ाएगा। भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए, भारतीय नौसेना अपनी ताकत को बढ़ाने पर जोर दे रही है ताकि भारतीय महासागर क्षेत्र (IOR) में अपनी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
INS तुशील की अंतिम तैयारियां
INS तुशील का वजन करीब 4,000 टन है और इस समय यह रूस के यंतर शिपयार्ड, कलिनिनग्राद में अंतिम निरीक्षण प्रक्रिया से गुजर रहा है। यहां 200 से ज्यादा भारतीय अधिकारी और नौसैनिक इसकी तैयारी में जुटे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध और महामारी के कारण कई बार देरी हुई, लेकिन अब इस जहाज के दिसंबर में भारत को सौंपे जाने की संभावना है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने रूस दौरे के दौरान इसे भारतीय नौसेना को सौंप सकते हैं।
नौसेना की ताकत में बढ़ोतरी
INS तुशील कई आधुनिक हथियारों से लैस है, जिनमें भारत-रूस की संयुक्त परियोजना, ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली भी शामिल है। यह मिसाइल 290 किलोमीटर की दूरी तक तेजी और सटीकता से हमला कर सकती है। INS तुशील में उन्नत रडार सिस्टम, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और अन्य अत्याधुनिक तकनीकें भी लगाई गई हैं, जो इसे और भी प्रभावी बनाती हैं।
INS तुशील के शामिल होने से भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ेगी। भारतीय नौसेना का लक्ष्य 2027 तक अपने बेड़े को 200 युद्धपोतों तक बढ़ाने का है। यह नया फ्रिगेट इस दिशा में अहम योगदान देगा।
दुनिया के सबसे ताकतवर देश का बदलेगा संविधान? ट्रंप ने जीतते ही कर दिया खेला…मच गया हंगामा!
भारत-रूस रक्षा सहयोग
INS तुशील भारत और रूस के बीच 2018 में हुए 2.5 बिलियन डॉलर के समझौते का हिस्सा है। इस समझौते के तहत भारत रूस से चार ग्रीगोरोविच क्लास फ्रिगेट खरीद रहा है। इनमें से दो फ्रिगेट- INS तुशील और INS तमाल, रूस में बनाए जा रहे हैं, जबकि बाकी दो का निर्माण गोवा शिपयार्ड में किया जाएगा। चारों जहाजों की कुल लागत लगभग ₹21,000 करोड़ है।
भारत की सेना में 60% से अधिक उपकरण रूसी तकनीक पर आधारित हैं। पिछले कुछ दशकों में भारत ने रूस से कई प्रकार के युद्धपोत, पनडुब्बियां और हथियार हासिल किए हैं, जो दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा संबंधों को दर्शाते हैं।
चुनौतियां और कूटनीति
INS तुशील को भारत तक लाने में कई चुनौतियां आईं, जैसे पश्चिमी देशों के प्रतिबंध, COVID-19 महामारी और जहाज के लिए जरूरी गैस टरबाइन इंजन की आपूर्ति। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के इस दौरे के दौरान इन समस्याओं पर चर्चा की जाएगी ताकि भविष्य में दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग और मजबूत हो सके।
ये देश देगा PM Modi को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान, सदमे में आए भारत के दुश्मन
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच मजबूत रिश्ते
हाल ही में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात दुनिया भर की नजरों में रही। पीएम मोदी संग दोस्ती निभाने और दिखाने में पुतिन ने कोई कसर नहीं छोड़ी। इस दौरान देशों के रक्षा सहयोग पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने इस साझेदारी को और मजबूत करने पर सहमति जताई ताकि बदलती वैश्विक स्थिति में दोनों देशों का संबंध और मजबूत बना रहे। INS तुशील के आने से भारत की समुद्री ताकत में बढ़ोतरी होगी और भारतीय नौसेना की सुरक्षा क्षमता और मजबूत होगी।
Health Tips: तीन महत्वपूर्ण पोषक तत्व (विटामिन डी, जिंक और फोलेट) पुरुषों की प्रजनन क्षमता…
India News RJ(इंडिया न्यूज़),Tonk SDM Thappad Kand : देवली उनियारा में विधानसभा उपचुनाव में मतदान…
Wayanad Landslides: गृह मंत्रालय ने नई दिल्ली में केरल के विशेष प्रतिनिधि केवी थॉमस को…
Pinaka Weapon System: भारत ने गुरुवार (14 नवंबर, 2024) को सत्यापन परीक्षणों के एक सेट…
India News RJ(इंडिया न्यूज़),Jaipur Ramkatha: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को प्रसिद्ध कथावाचक…
Khalistani Terrorist Arsh Dalla: कनाडा सरकार की तरफ से कोर्ट में ये अपील की गई…