India News (इंडिया न्यूज), Indo-China Conflict: भारत और पड़ोसी देश चीन को लेकर सीमा विवाद काफी दशकों से बने रहे हैं। इसी विवाद को लेकर अकसर दोनों देश के बीच के संबंध में तनाव भी नजर आते हैं। चीन के रक्षा मंत्री ने लद्दाख की सीमा को लेकर कुछ समय पहले अपनी बातें रखी थी और पत्रकारों के साथ बातचीत में लद्दाख को चीन का हिस्सा को बताया था जिसे भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा अस्वीकार भी किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने चीन को संबोधित करते हुए एक संदेश दिया है। आइए इस खबर में जानते हैं कि क्या कहा भारत के प्रधानमंत्री ने..
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प्रधानमंत्री की सीमा विवाद पर टिप्पणी
लंबे समय से चल रहे विवाद को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत और चीन के बीच स्थिर संबंध न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है और बहुत माइने रखता है। पत्रकारों के साथ बातचीत में, पीएम मोदी ने भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को तत्काल संबोधित करने की आवश्यकता के बारे में बात की है ताकि दोनों देश के बीच चल रहे तनाव कम हो सकें साथ ही ये बाकी देशों के लिए भी लाभदायक साबित नहीं होता।
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शांति बनाए रखने पर सहमत हुए दोनों देश
जून 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में कुछ घर्षण बिंदुओं पर भारत और चीन के बीच लगभग चार साल से विवाद चल रहा है और आज की तारीख में भी दोनों देश के प्रवक्ता और मंत्रालय एक दूसरे पर तंज कसते हैं और लद्दाख को अपने देश की जमान बताने का दावा करते हैं। दोनों पक्ष कई दौर की राजनयिक और उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में लगे हुए हैं। इस विवाद से अभी तक इन देशों को कोई फायदा मिला नहीं है और इस द्विपक्षीय दावों के साथ इसका हल निकालना भी मुश्किल है। काफी चर्चा के बाद दोनों पक्ष ज़मीन पर “शांति और शांति” बनाए रखने पर सहमत हुए हैं।
प्रधान मंत्री ने कहा, “मुझे आशा और विश्वास है कि राजनयिक और सैन्य स्तरों पर सकारात्मक और रचनात्मक द्विपक्षीय जुड़ाव के माध्यम से, हम अपनी सीमाओं पर शांति और स्थिरता बहाल करने और बनाए रखने में सक्षम होंगे।”