India News(इंडिया न्यूज),Indo-Pak Ceasefire: भारत में सीजफायर पर बहस के बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने गुरुवार को संसद में कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध विराम रविवार यानी 18 मई तक बढ़ा दिया गया है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच फोन पर बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया। डार ने दावा किया कि बुधवार और गुरुवार को दोनों सेनाओं के बीच ‘सैन्य से सैन्य संचार’ हुआ, जिसके बाद आज यह समझौता हुआ। लेकिन सवाल यह है कि इसके बाद क्या होगा? क्या यह शांति स्थायी होगी, या फिर तनाव फिर बढ़ेगा?
भारत के पराक्रम के बाद 10 मई को पाकिस्तान ने संघर्ष विराम की मांग शुरू कर दी। इसके बाद भारत ने दया दिखाते हुए गोलीबारी रोकने का ऐलान किया। तब से चार दिन हो चुके हैं, भारी सैन्य झड़पें बंद हो गई हैं। पाकिस्तान ने जोर देकर कहा कि वह शांति चाहता है। दूसरी ओर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ कहा कि संघर्ष विराम के बावजूद भारत का रुख साफ है। हमने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकी ढांचे को नष्ट करके अपने लक्ष्य हासिल किए। सीमा पार आतंकवाद खत्म होने तक सिंधु जल संधि निलंबित रहेगी। जयशंकर ने यह भी कहा कि यह स्पष्ट है कि संघर्ष विराम की पहल किसने की, जो यह दर्शाता है कि भारत इसे अपनी मजबूत स्थिति का परिणाम मानता है।
भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद समाप्त नहीं करता, तब तक सामान्य संबंध संभव नहीं हैं। ऑपरेशन सिंदूर ने यह संदेश दिया है कि भारत अब आतंकी हमलों का सख्ती से जवाब देगा। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, जिसे पाकिस्तान ने अपने अस्तित्व के लिए खतरा बताया है।
संघर्ष विराम के बाद जम्मू-कश्मीर में शांति है। स्कूल फिर से खुल गए हैं और लोग सामान्य जीवन में लौट रहे हैं। हालांकि, सीमा पर दोनों सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं। कश्मीर के लोग राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन भविष्य को लेकर डर बना हुआ है। सोशल मीडिया पर भी इस बारे में खूब चर्चा हो रही है। कुछ लोगों का मानना है कि यह संघर्ष विराम केवल अस्थायी है और पाकिस्तान फिर से हमला करेगा। एक यूजर ने लिखा, पाकिस्तान को इस युद्ध में हार का एहसास हो गया है, इसलिए उसने संघर्ष विराम की घोषणा की है। लेकिन वह फिर से आतंकी गतिविधियां शुरू कर देगा। वहीं, कुछ लोग इसे शांति की ओर एक कदम मान रहे हैं।