India News (इंडिया न्यूज), Fake Cancer Drugs Case: प्रवर्तन निदेशालय ने नकली कैंसर दवाओं के निर्माण और बिक्री रैकेट से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में कई स्थानों पर छापेमारी की। एजेंसी ने कुल 10 स्थानों पर तलाशी ली और दो स्थानों से लगभग ₹65 लाख नकद बरामद किए।

यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला हाल ही में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा दिल्ली-एनसीआर के कुछ अस्पतालों में कैंसर और कीमोथेरेपी दवाओं के निर्माण और बिक्री में कथित रूप से शामिल एक संगठित आपराधिक रैकेट की जांच के लिए दर्ज मामले का संज्ञान लेते हुए दर्ज किया गया था।

मुख्य संदिग्धों और उनके सहयोगियों जैसे विफिल जैन, सूरज शत, नीरज चौहान, परवेज मलिक, कोमल तिवारी, अभिनय और तुषार चौहान के परिसरों को कवर किया गया था। कुल नकदी में से 23 लाख रुपये सूरज शर्मा के घर में रखे एक बीन बैग से बरामद किए गए।

ये भी पढ़ें- K Kavitha Case: ईडी का बड़ा बयान, कहा- ‘के कविता ने AAP नेताओं को ₹100 करोड़ का भुगतान किया’

क्या है पूरा मामला?

हाल की गिरफ्तारियों ने इस सिंडिकेट का पर्दाफास किया। ये लोग जरूरतमंद रोगियों को वास्तविक कीमोथेरेपी उपचार देने के बजाय, खाली शीशियों में एंटी-फंगल दवाएं भर दीं और उन्हें कैंसर दवाओं के रूप में लोगों को देते थे। पुलिस के हाथ कुछ ऐसे सबूत लगे हैं जो बताते हैं कि गिरोह की पहुंच दिल्ली की सीमाओं से कहीं आगे तक फैली हुई है। इस गैंग का संबंध न केवल देश के भीतर बल्कि चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी खरीदारों से है। पुलिस के मुताबिक बेची गई नकली दवाओं की कीमत 25 करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी गई है।

ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: बिहार में NDA का सीट बंटवारा तय, जानें क्या होगा पशुपति पारस का अगला कदम