India News (इंडिया न्यूज), Iqra Hasan: प्रदेश की अहम सीट कैराना से सांसद चुनी गईं इकरा हसन प्रोफेसर बनना चाहती थीं, लेकिन पारिवारिक हालात उन्हें लंदन से भारत ले आए। इकरा जब राजनीति में आईं तो उन्होंने यहां भी अपनी अनूठी छाप छोड़ी। उन्होंने अपने भाई का चुनाव सफलतापूर्वक मैनेज किया और खुद का चुनाव भी सही तरीके से लड़ा और जोरदार जीत दर्ज की। भले ही प्रोफेसर का सपना अधूरा है, लेकिन अब वह विकास, महिलाओं, शिक्षा और गरीबों के लिए काम करना चाहती हैं।
भाई के लिए लंदन से भारत आई इकरा हसन
बता दें कि, करीब 6 साल पहले इकरा हसन पढ़ाई करने लंदन गई थीं। साल 2022 में वह PHD कर रही थीं, तभी इकरा की मां पूर्व सांसद तबस्सुम हसन और भाई विधायक नाहिद हसन पर केस दर्ज होने के कारण वह पढ़ाई बीच में ही छोड़कर वापस आ गईं। इसके बाद पुलिस ने चुनाव से पहले उनके भाई को जेल भेज दिया। इकरा ने पहली बार नाहिद हसन को विधानसभा 2022 में जिताने के लिए अभियान चलाया। वह लोगों के बीच गईं और उनके भाई को जीत मिली। इकरा हसन का कहना है कि वह पहले कभी राजनीति में नहीं आना चाहती थीं, लेकिन जब उन्हें लोगों का प्यार और आशीर्वाद मिला तो उन्होंने राजनीति में कदम रखा। उन्होंने कहा कि वह पिछले दो साल से लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही थीं। यही वजह है कि इकरा ने भारी अंतर से जीत दर्ज की।
इकरा हसन किसका देंगी साथ
इकरा ने कहा कि वह क्षेत्र में बेहतर शिक्षा के लिए काम करेंगी, ताकि यहां के छात्रों को कैराना लोकसभा क्षेत्र में रहते हुए पढ़ाई के लिए बेहतर सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि लड़कियों के लिए डिग्री और इंटर कॉलेज बनवाने का प्रयास किया जाएगा। डेढ़ साल पहले अखिलेश ने दिया था आश्वासन इकरा चौधरी के मुताबिक, जयंत चौधरी ने उन्हें कैराना लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाने के लिए अखिलेश को उनका नाम सुझाया था। इकरा का कहना है कि अखिलेश यादव ने डेढ़ साल पहले उन्हें टिकट देने का आश्वासन दिया था। इकरा ने कहा कि पार्टी ने जो भरोसा जताया था, वह सफल रहा। इससे साफ है कि इकरा अखिलेश का ही साथ देंगी।