India News (इंडिया न्यूज),ISCA: भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन (ISCA) पर केंद्र सराकार ने एकतरफा निर्णय लेने का आरोप लगाते हुए अब खुद को अलग कर लिया। जहां केंद्र सरकार ने यह निर्णय एसोसिएशन की ओर से आयोजित किए जाने वाले वार्षिक कार्यक्रम भारतीय विज्ञान कांग्रेस-2024 का आयोजन स्थल लखनऊ विश्वविद्यालय से बदलकर जालंधर में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी करने के बाद लिया। इसके साथ ही सरकार ने भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन पर कई सारे आरोप भी लगाए है।
संसाधन और समर्थन पर रोक
केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, वैज्ञानिक विभागों के सभी सचिवों को नोटिस जारी कर जानकारी दे दी है कि आगामी आईएससी कार्यक्रम के लिए डीएसटी की ओर से कोई भी संसाधन या समर्थन उपलब्ध नहीं कराया जाएगा। इसके साथ ही नोटिस में जिक्र है कि, आईएससीए का वार्षिक आयोजन पहले ही वैज्ञानिक समुदाय के बीच अपनी प्रासंगिकता खो चुका है। कई मोर्चों पर बैठक के संचालन में पेशेवर दृष्टिकोण का अभाव है। इसमें आईएससीए के कार्यकारी सचिव को सरकार की मंजूरी के बिना आयोजन के संबंध में सरकारी खजाने से कोई खर्च वहन नहीं करने का निर्देश दिया गया है।
जानिए क्या है आईएससीए का इतिहास
जानकारी के लिए बता दें कि, भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन 1914 से हर साल आईएससी का आयोजन करता है। हां वो अलग बात है कि, समय के साथ इस कार्यक्रम में कई सारे बदलाव आते रहे है। देश के आजाद होने के बाद से वैज्ञानिकों की वार्षिक सभा का उद्घाटन प्रधानमंत्री करते हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री वैज्ञानिक समुदाय के साथ बातचीत करते हैं। लेकिन अब ऐसा लगता है कि, संगठन की ओर से आयोजन को लेकर पिछले कुछ वर्षों में सरकार और आईएससीए के बीच मतभेद होते रहे हैं। सरकार 2015 से भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव को एक समानांतर कार्यक्रम के रूप में प्रचारित कर रही है।
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