India News (इंडिया न्यूज),Israel-Iran Tensions: भारत ने रविवार को इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव पर गंभीर चिंता व्यक्त की और दोनों देशों से संयम बरतने और हिंसा से दूर रहने का आह्वान किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को ईरान के विदेश मंत्री एच। अमीरबदोल्लाहियान से फोन पर बात की।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर चर्चा के दौरान इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को तनाव बढ़ाने से बचना चाहिए, संयम बरतना चाहिए और कूटनीति की ओर लौटना चाहिए।
देर रात विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ईरानी समकक्ष हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियां और इजरायली विदेश मंत्री काट्ज से भी बात की। फोन पर बातचीत के दौरान जयशंकर ने दोनों देशों से तनाव बढ़ने से बचने, संयम बरतने और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया।
जयशंकर ने अपने ईरानी समकक्ष के साथ पुर्तगाली झंडे वाले मालवाहक जहाज पर सवार 17 भारतीय नागरिकों का मुद्दा भी उठाया और उनकी रिहाई की मांग की। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत न सिर्फ कूटनीतिक असर को लेकर चिंतित है बल्कि इसके आर्थिक असर को लेकर भी चिंतित है। लाल सागर में हालात पहले से ही खराब हैं जिससे भारत के लिए आयात-निर्यात की लागत बढ़ गई है। ये समस्या और भी गंभीर हो सकती है।
दूसरा असर कच्चे तेल की आपूर्ति और कीमतों पर पड़ने की संभावना है। इससे भारतीय शेयर बाजार में लगातार तेजी के माहौल पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है। 15 अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह में भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन काफी हद तक इस बात से तय होगा कि इजरायल-ईरान विवाद के संबंध में खाड़ी क्षेत्र से क्या जानकारी आती है। साथ ही अगर हालात बिगड़ते हैं तो संभव है कि खाड़ी क्षेत्र में काम करने वाले लाखों भारतीयों की आजीविका प्रभावित हो सकती है। यही वजह है कि भारत ने इन दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव को जल्द खत्म करने की बात कही है।
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भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, “ईरान और इजराइल के बीच युद्ध की स्थिति बिगड़ने से हम बेहद चिंतित हैं। इससे पूरे क्षेत्र में शांति और स्थिरता को खतरा है। हम तनाव को शीघ्र कम करने, संयम बरतने का आह्वान करते हैं।” ।” यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हमारे दूतावास उस क्षेत्र में भारतीय समुदाय के साथ निकट संपर्क बनाए रखें। सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखी जानी चाहिए।”
विदेश मंत्रालय के इस बयान के कुछ घंटों बाद तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इसके जरिए भारतीय नागरिकों को समय पर मदद पहुंचाने की कोशिश की जाएगी। अगर इजराइल की तरफ से कार्रवाई की गई और युद्ध की स्थिति पैदा हुई तो संभव है कि ईरान से भारतीयों को निकालने का काम भी करना पड़े।
दूसरी ओर, नई दिल्ली में इजरायली राजदूत नाओर गिलोन ने कहा है कि ईरान आतंकवादी संगठन हमास को वित्तीय सहायता प्रदान करता है और अब उसने हमास के समर्थन में सीधे इजरायल पर हमला किया है। उन्होंने इजराइल पर 331 क्रूज मिसाइलें और रॉकेट दागे हैं लेकिन उन्हें हवा में ही मार गिराया गया।
इस समय ईरान से ज्यादा भारतीय इजराइल में हैं। सरकारी सूत्रों का कहना है कि ईरान में करीब 5 हजार भारतीय हैं, जबकि इजरायल में पहले से ही 18 हजार भारतीयों के होने की खबर है और हाल ही में करीब 900 भारतीय कामगार वहां पहुंचे हैं। अगर हालात बिगड़ते हैं तो उन्हें बाहर निकालना सरकार की पहली प्राथमिकता होगी। पिछले साल भी इजराइल और हमास के बीच संघर्ष के दौरान भारत ने करीब 1500 भारतीयों को इजराइल से निकाला था। मौजूदा हालात में भारतीय कामगारों को इजराइल भेजने की योजना भी टलने की संभावना है।
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