India News (इंडिया न्यूज), Lok Sabha First Session: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 18वीं लोकसभा के उद्घाटन सत्र को भारतीय लोकतंत्र के लिए मील का पत्थर बताते हुए स्वतंत्रता के बाद पहली बार नए संसद भवन में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने के महत्व पर जोर दिया। शासन में आम सहमति बनाने के महत्व पर जोर देते हुए मोदी ने समावेशी निर्णय लेने के माध्यम से भारत के 1.4 अरब लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए राष्ट्र के हितों को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया।

पीएम मोदी ने क्या कहा?

बता दें कि, उन्होंने सामूहिक भागीदारी के साथ नीति कार्यान्वयन में तेजी लाते हुए संवैधानिक अखंडता को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि, “संसदीय लोकतंत्र में यह एक गौरवशाली दिन है। आजादी के बाद पहली बार हमारे अपने नए संसद भवन में शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है। पहले यह पुराने संसद भवन में होता था। इस महत्वपूर्ण दिन पर मैं सभी नवनिर्वाचित सांसदों का हार्दिक स्वागत करता हूं, उन्हें बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें..

1. संसदीय लोकतंत्र में आज का दिन गौरव मय है,यह वैभव का दिन है। आजादी के बाद पहली बार हमारे अपने नए संसद में यह शपथ हो रहा है, अब तक ये प्रक्रिया पुराने संसद में होती थी।

2. कल 25 जून है, 50 साल पहले इसी दिन संविधान पर काला धब्बा लगा दिया गया था। हम कोशिश करेंगे कि देश में कभी भी ऐसी कालिख न लग सके।

3. आज़ादी के बाद दूसरी बार किसी सरकार को लगातार तीसरी बार देश की सेवा करने का अवसर मिला , यह अवसर 60 साल बाद आया है जो की गौरव की बात है।

4. हम मानते है सरकार चलाने के लिए बहुमत होता है लेकिन देश चलाने के लिए सहमति बहुत ज़रूरी होती है।

5. देश की जनता ने हमें तीसरी बार अवसर दिया है। हमारी जिम्मेदारी तीन गुना बढ़ गई है… इसलिए मैं देशवासियों को भरोसा देता हूं कि अपने तीसरे कार्यकाल में हम तीन गुना मेहनत करेंगे और तीन गुना परिणाम प्राप्त करेंगे।

6. देश की जनता को नाटक, हंगामा नहीं चाहिए। देश को नारे नहीं, substance चाहिए। देश को एक अच्छा विपक्ष चाहिए, एक जिम्मेदार विपक्ष चाहिए।

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