India News (इंडिया न्यूज), Jain Monks Beaten in Neemuch: नीमच जिले के सिंगोली थाना क्षेत्र के कछाला गांव के पास एक जैन मुनि पर हमला करने की घटना रविवार रात को हुई, जिसने पूरे इलाके को झकझोर दिया। तीन जैन मुनि, शैलेश मुनि जी, बलभद्र मुनि जी और मुनिंद्रा मुनि जी, रात को आराम करने के लिए एक हनुमान मंदिर में रुके थे। यह घटना रात लगभग 12 बजे की है, जब कुछ बदमाशों ने इन जैन मुनियों पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। हमले में तीनों मुनियों को गंभीर चोटें आईं, लेकिन उन्होंने इलाज कराने से मना कर दिया, क्योंकि जैन धर्म के अनुयायी धार्मिक कारणों से सूर्यास्त के बाद चिकित्सा उपचार नहीं लेते हैं।
हमला उस समय हुआ जब तीन मोटरसाइकिलों पर सवार छह बदमाशों ने मंदिर के पास बैठकर शराब पी। जब उनकी नज़र जैन मुनियों पर पड़ी, तो वे उनसे पैसे मांगने लगे। जब मुनियों ने पैसे देने से इनकार किया, तो बदमाशों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इस हमले में मुनि शैलेश जी, बलभद्र जी और मुनिंद्रा जी को सिर और पीठ पर गंभीर चोटें आईं। एक मुनि जान बचाने के लिए मंदिर से बाहर भागा और पास के बाइक सवार से मदद मांगी। बाइक सवार ने इलाके के जैन समाज और कछाला गांव के लोगों को सूचना दी, जिसके बाद मौके पर लोग पहुंचे और दो बदमाशों को पकड़ लिया, जबकि बाकी चार बदमाश फरार हो गए।
Jain Monks: नीमच में जैन मुनियों पर हुआ जानलेवा हमला छह हमलावर को किया गया गिरफ्तार सिंगोली हुआ बंद
घटना के तुरंत बाद सिंगोली पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। नीमच पुलिस अधीक्षक (एसपी) अंकित जायसवाल ने बताया कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई की गई और पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि एक नाबालिग को हिरासत में लिया गया। इन सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया कि बदमाशों ने शराब पीने के बाद जैन मुनियों से पैसे मांगे, और जब मुनियों ने पैसे नहीं दिए, तो उन्होंने हमला कर दिया। इस दौरान मुनियों के सिर और पीठ पर गंभीर चोटें आईं। जैन मुनियों ने रात में दवा नहीं ली, क्योंकि उनकी धार्मिक परंपरा के अनुसार वे रात में भोजन और चिकित्सा उपचार नहीं लेते हैं।
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जैन समाज ने इस घटना के खिलाफ विरोध व्यक्त किया और स्थानीय प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की। घटना के विरोध में जैन समाज और अन्य सामाजिक संगठनों ने नगर बंद का आह्वान किया। स्थानीय विधायक ओमप्रकाश सकलेचा ने भी इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे शांति और अहिंसा के सिद्धांतों के खिलाफ बताया। उन्होंने प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं को राज्य सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इसे प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था का उदाहरण बताया।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस घटना को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की और आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की। उन्होंने ट्वीट किया, “जैन मुनियों पर हमले की घटना अत्यंत निंदनीय है। यह प्रदेश में ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था का सबूत है। जैन मुनियों पर हमला करने वालों को कानून के मुताबिक दंडित किया जाए।”
सिंगोली पुलिस ने घटना की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई की और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। नीमच एसपी ने बताया कि घटना के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का संकल्प लिया है। इसके अलावा, घटना के बाद कलेक्टर हिमांशु चंद्र और एसपी अंकित जायसवाल ने भी घायल मुनियों का हालचाल लिया और शांति बनाए रखने की अपील की।
इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। समाज के सभी वर्गों ने इस हमले की निंदा की है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन अब यह देखना होगा कि क्या न्याय सच्चे अर्थों में मिलता है। इस मामले में सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और समाज में शांति बनाए रखी जा सके।