India News (इंडिया न्यूज),Jaipur PFI module: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने राजस्थान में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 120 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की। एनआईए की चार्जशीट में प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन को लेकर कई बड़े खुलासे हुए हैं। इसके मुताबिक पीएफआई के दफ्तर में आतंकियों को तैयार किया जा रहा था। यहां चाकूबाजी से लेकर आत्मरक्षा तक की ट्रेनिंग दी जा रही थी। इतना ही नहीं आतंकी कैंपों में गुजरात दंगों और मॉब लिंचिंग के वीडियो दिखाकर मुस्लिम युवक-युवतियों का धड़ल्ले से ब्रेनवॉश किया जा रहा था।
जांच के बाद एनआईए ने चार्जशीट में पीएफआई को लेकर बड़े खुलासे किए हैं। पीएफआई से जुड़े सदस्यों को अपने-अपने शहरों में कैंप चलाने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन इन ट्रेनिंग कैंपों की आड़ में युवाओं को हथियार चलाने और मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जा रही थी। सबसे बड़ी बात यह है कि पीएफआई के आतंकी ट्रेनिंग कैंप जकात के नाम पर जुटाए गए पैसों से चलाए जा रहे थे।
इसके अलावा फोन से कई और फोटो और वीडियो भी बरामद हुए हैं। जिसमें पुरुष और महिलाएं एयरगन थामे नजर आ रहे हैं। इसके अलावा एक और फोटो बरामद हुई है जिसमें पुरुष और महिलाओं को बॉक्सिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है। बैकग्राउंड में PFI का झंडा और आजादी महोत्सव का पोस्टर देखा जा सकता है। PFI की पाठशाला में युवाओं को भड़काऊ वीडियो दिखाए जाते थे और 2047 में भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने पर जोर दिया जाता था। इसके लिए उन्हें अपनी जान भी देनी पड़े तो पीछे नहीं हटने के लिए तैयार किया जाता था।
जयपुर के PFI मॉड्यूल में गिरफ्तार पांच आरोपियों में से एक मोहम्मद आसिफ के मोबाइल से एक फाइल बरामद हुई। इस फाइल का नाम tilecache.l_embedded_469 था। इस फाइल में लिखा था कि ‘फिजिकल फिटनेस प्रोग्राम- युवाओं को स्वस्थ रखने के लिए PFP के तहत कई NGO और संस्थाओं द्वारा कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे- जैसे योग, मार्शल आर्ट, खेल, संगीत कार्यक्रम।
PFI के सदस्यों को अपने-अपने शहरों में कैंप चलाने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन योगशाला और अखाड़े की आड़ में इन ट्रेनिंग कैंपों में युवाओं को हथियार चलाने और मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जा रही थी। इसके साथ ही युवाओं का ब्रेनवॉश करके उन्हें खतरनाक इरादों के लिए तैयार किया जा रहा था। ब्रेनवॉश करने के बाद कैडर को दो हिस्सों में फिजिकल ट्रेनिंग दी जाती थी। पहला बेसिक- जिसमें सदस्यों को मार्शल आर्ट, बॉक्सिंग, एयरगन से शूटिंग आदि सिखाई जाती है।
ट्रेनिंग के पहले हिस्से का उद्देश्य शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्तियों की पहचान करना है जो एडवांस लेवल ट्रेनिंग प्रोग्राम से गुजरने में सक्षम हैं, जिसे एडवांस्ड एक्स भी कहा जाता है। ट्रेनिंग के दूसरे हिस्से यानी एक्स II में तलवार, चाकू या हथियार से व्यक्ति के सिर, छाती, कंधे और अन्य कमजोर हिस्सों पर हमला करने की तकनीक सिखाई जाती थी।
इस तरह की ट्रेनिंग देने का मकसद पीएफआई कैडरों को भारत सरकार, हिंदू संगठनों और अन्य धार्मिक संगठनों के खिलाफ लड़ने के लिए प्रशिक्षित करना है, ताकि 2047 तक भारत में मुस्लिम शासन स्थापित किया जा सके। इसे डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) का समर्थन प्राप्त है, ताकि यह 2047 तक भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने की अपनी योजनाओं को अंजाम दे सके।
एनआई की जांच के दौरान जयपुर, कोटा, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा, बूंदी समेत पीएफआई सदस्यों के 120 ठिकानों पर तलाशी ली गई। इस दौरान चाकू, एयरगन, कुल्हाड़ी, आपत्तिजनक डिजिटल डिवाइस और दस्तावेज जब्त किए गए, जिन्हें डेटा विस्तार और रिपोर्ट के लिए सीएफएसएल नई दिल्ली सी-डेक तिरुवनंतपुरम भेजा गया। इन तलाशियों के दौरान बरामद आपत्तिजनक दस्तावेजों से पीएफआई कैडरों के एडवांस ट्रेनिंग कोर्स का पता चला।
चार्जशीट के मुताबिक, पीएफआई द्वारा पंजाब नेशनल बैंक, जयपुर में खोले गए बैंक खाते की भी जांच की गई। इसमें पाया गया कि वर्ष 2011 से 2022 के दौरान 2,98,47,916.99 रुपए जमा किए गए, जिसमें से 2,96,12,429.50 रुपए निकाले गए। आरोपपत्र में खुलासा किया गया है कि ये करोड़ों रुपये देश के निर्दोष मुसलमानों से जकात के नाम पर एकत्र किए गए थे, जिसका इस्तेमाल बाद में हथियार खरीदने, हथियार प्रशिक्षण शिविर चलाने और चुनिंदा लोगों को निशाना बनाने के लिए किया गया।