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जमीयत चीफ मदनी ने संघ की तरफ बढ़ाया दोस्ती का हाथ, RSS-BJP से दुश्मनी पर दिया बड़ा बयान

इंडिया न्यूज़, दिल्ली : दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें सत्र का आगाज हो चुका है। सत्र के आगाज के दूसरे दिन p जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमदू मदनी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया। दोस्ती का हाथ आगे करते हुए मौलाना मदनी ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस से हमारी कोई मजहबी दुश्मनी नहीं है। मदनी ने कहा सिर्फ गलतफहमियां बढ़ाने वाले मामलों को लेकर आपसी मतभेद है। इसको लेकर भी मौलाना मदनी ने कहा कि वैचारिक मतभेदों का अलग होना भी चीजों को खूबसूरत बनाता है। एक -दूजे के खिलाफ होना चीजों को बमुश्किल बनाता है।

भारत को दुनिया का सबसे शक्तिशाली मुल्क साथ आए

बता दें, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के तीन दिवसीय अधिवेशन के दूसरे दिन शनिवार को मदनी ने कहा, ‘हम आरएसएस के सामने दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं। आइए साथ मिलकर आपसी भेदभाव भूलाकर एक-दूसरे से गले मिलते हैं और भारत को को दुनिया का सबसे शक्तिशाली मुल्क बनाते हैं। संघ की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए मदनी ने यह भी कहा कि हमें सनातन धर्म के बढ़ने से कोई एतराज नहीं है। लेकिन हमारे मजहब इस्लाम को बढ़ने पर भी किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए।’

पाकिस्तान भेजे जाने के मुद्दे पर मदनी की राय

मौलाना मदनी ने आगे पाकिस्तान के मुद्दे पर कहा कि विश्व भर में हमारा मुल्क ही ऐसा है कि जो अलग-अलग मजहब होने के बावजूद जुड़ा हुआ है। भारत के जुड़ाव में मुसलमानों का भी किरदार है।मुलाना मदनी ने यह भी कहा कि हम पाकिस्तान चले गए होता या भेज दिया होता यह सोचना सब गलत है। जमीयत प्रमुख ने कहा कि भारत के मुसलमानों का कनेक्शन इस देश की सरजमीं से है। हम ‘न बुलाए आपके आए हैं ना निकाले आपसे जाएंगे’। हमारे पूर्वजों ने भी उस हुकूमत को चुनौती दी थी जिसका सूरज भी नहीं अस्त होता था। ऐसे में हम आज के दौर में कैसे हार जाएंगे। मुसलमानों का वर्ग का किसी भी वर्ग से झगड़ा नहीं है। ना ही हमारा वर्ग किसी और वर्ग के खिलाफ है।

Ashish kumar Rai

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