India News (इंडिया न्यूज़), Jammu Kashmir Chunav 2024: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आतंकी अफजल गुरु के नाम पर सियासी घमासान मचा हुआ है। उमर अब्दुल्ला के विवादित बयान के बीच 2001 के संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के भाई ने विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। बता दें की अफजल गुरु के भाई का नाम एजाज है और उन्होंने जम्मू-कश्मीर में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में सोपोर से खड़े होने का ऐलान किया है। एजाज ने कहा कि वह अपने भाई अफजल गुरु के नाम पर वोट नहीं मांगेंगे।
- मेरी विचारधारा मेरे भाई से अलग है
- ‘साबित करूंगा मेरे बेटे ने कुछ गलत नहीं किया’
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मेरी विचारधारा मेरे भाई से अलग है
बता दें की सोपोर सीट कभी अलगाववादी नेता और जमात विचारक सैयद अली शाह गिलानी का गढ़ मानी जाती थी। हालांकिअफजल गुरु के भाई एजाज को किसी पार्टी ने टिकट नहीं दिया है, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने का मन बना लिया है और कहा है कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एजाज ने कहा, ‘मैं सोपोर से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ूंगा। जब हर कोई चुनाव लड़ रहा है, तो मैं क्यों नहीं लड़ूं? मेरी विचारधारा मेरे भाई से अलग है। मैं फर्जी मामलों में गिरफ्तार युवाओं के लिए लड़ूंगा, जिसमें मेरा बेटा शोएब भी शामिल है, जिसे नौ महीने पहले एक झूठे मामले में गिरफ्तार किया गया था। पशुपालन विभाग में काम करने वाले एजाज ने 2014 में वीआरएस ले लिया था।
इसके साथ ही बता दें कि 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमला करने में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों की मदद करने वाले अफजल को फरवरी 2013 में तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी। इसके बाद उसे दफना दिया गया था। इस आतंकी हमले में नौ लोग मारे गए थे।
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‘साबित करूंगा मेरे बेटे ने कुछ गलत नहीं किया’
एजाज ने कहा कि उनके बेटे को नौ महीने पहले नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था और वह अभी भी जेल में है। उन्होंने कहा, ‘जब इंजीनियर रशीद के बेटे अबरार रशीद ने अपने पिता के लिए प्रमोशन किया, तो मैं अपने बेटे के लिए प्रमोशन क्यों नहीं कर सकता जो पुणे में पढ़ रहा है? मैं साबित कर दूंगा कि मेरे बेटे ने कुछ भी गलत नहीं किया है।’
कश्मीरी नेता शेख अब्दुल रशीद को इंजीनियर रशीद के नाम से भी जाना जाता है। उन्हें 2017 में जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। रशीद ने बारामुल्ला सीट से निर्दलीय के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ा और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को 204,142 वोटों के अंतर से हराया।
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