इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली :

परिसीमन आयोग ने गुरुवार, 6 मई को जारी अपनी अंतिम रिपोर्ट में, जम्मू क्षेत्र में छह अतिरिक्त विधानसभा क्षेत्रों और कश्मीर घाटी में एक और विधानसभा क्षेत्र बनाने की सिफारिश की है। इस बदलाव का भाजपा को छोड़कर सभी राजनीतिक दलों ने विरोध किया है।

सभी पांच संसदीय सीटों में विधानसभा क्षेत्रों का समान वितरण

आयोग की रिपोर्ट में यूटी में सीटों की कुल संख्या 83 से बढ़ कर 90 हो जाती है। इससे जम्मू संभाग में सीटों की संख्या 37 से 43 और कश्मीर घाटी में 46 से 47 हो जाएगी। पैनल ने लोकसभा क्षेत्रों के पुनर्गठन की सिफारिश इस तरह से की है कि केंद्र शासित प्रदेश की सभी पांच संसदीय सीटों में विधानसभा क्षेत्रों का समान वितरण हो।

संभाग की अनंतनाग सीट में हुए ये शामिल

इसे हासिल करने के लिए पैनल ने अनंतनाग और जम्मू लोकसभा सीटों की सीमाओं को फिर से खींचा है। जम्मू संभाग के पुंछ और राजौरी जिले जो पहले जम्मू संसदीय सीट का हिस्सा थे, अब उन्हें कश्मीर संभाग की अनंतनाग सीट में शामिल किया गया है। पैनल ने कहा, इस पुनर्गठन से, प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में 18 विधानसभा क्षेत्रों की समान संख्या होगी।

9 विधानसभा सीटें आरक्षित

पैनल ने 9 विधानसभा सीटें भी आरक्षित की हैं । जम्मू में छह और कश्मीर में तीन अनुसूचित जनजातियों के लिए। विधानसभा की सात सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई हैं। पैनल ने कहा, यह उल्लेख करना उचित है कि तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य के संविधान ने विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटों के आरक्षण का प्रावधान नहीं किया था। पैनल ने विधानसभा में कश्मीरी प्रवासियों में से सदस्यों (एक महिला के साथ) के लिए कम से कम दो सीटों के प्रावधान की भी सिफारिश की है।

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !

यह भी पढ़ें:  दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता Tejinder Bagga गिरफ्तार, पंजाब पुलिस ने किया अरेस्ट

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube