India News (इंडिया न्यूज), Jawhar Sircar Resignation: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के बाद से ही सियासत काफी गर्म है। सभी पार्टियां एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रही है। इसी बीच अचानक रविवार को टीएमसी को बड़ा झटका लगा जब उसके पार्टी के सांसद जवाहर सरकार ने अपने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जवाहर के इस फैसले पर टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने एक बार वापस से सोचने को कहा है।
क्यों दिया इस्तीफा
रविवार को ममता बनर्जी को लिखे पत्र में जवाहर सरकार ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के बाद राज्यसभा से अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने टीएमसी प्रमुख से “राज्य को बचाने” का भी आग्रह किया। सरकार ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को अपना इस्तीफा सौंपने के लिए दिल्ली जाने की अपनी योजना का भी उल्लेख किया। सूत्रों का हवाला देते हुए, इंडिया टुडे ने बताया कि सरकार के 11 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी का दौरा करने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार के फैसले के बाद, ममता बनर्जी ने उन्हें फोन किया और उनसे टीएमसी के राज्यसभा सदस्य के रूप में इस्तीफा देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।
जवाहर सरकार ने टीएमसी प्रमुख को लिखे पत्र में क्या कहा
ममता बनर्जी को लिखे पत्र में जवाहर सरकार ने कहा, “आरजी कर अस्पताल में हुई भयानक घटना के बाद से मैं एक महीने तक धैर्यपूर्वक पीड़ित रहा हूं और ममता बनर्जी की पुरानी शैली में आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों के साथ सीधे हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहा था। ऐसा नहीं हुआ है और सरकार अब जो भी दंडात्मक कदम उठा रही है, वह बहुत ही कम और बहुत ही ज्यादा देर से उठाया गया कदम है।
पुरानी ममता शैली में आंदोलन में हस्तक्षेप करेंगी
सरकार ने यह भी लिखा कि, “मुझे लगा था कि आप(ममता बनर्जी) पुरानी ममता शैली में चल रहे आंदोलन में हस्तक्षेप करेंगी, लेकिन मैंने ऐसा नहीं देखा।” उन्होंने कहा कि डॉक्टरों का चल रहा आंदोलन “कुछ खास लोगों और भ्रष्ट लोगों के अनियंत्रित दबंग रवैये” के खिलाफ है। उन्होंने दावा किया कि लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा और अविश्वास अब काफी ज्यादा हो गया है।
सरकार को घेरा
जवाहर सरकार ने दावा किया कि अगर सरकार अनुचित प्रशासनिक कार्रवाइयों के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह बनाती तो सामान्य स्थिति जल्दी बहाल हो जाती। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अपने इस्तीफे के बाद, वह खुद को राजनीति से “पूरी तरह से अलग” कर लेंगे।
क्या था मामला
9 अगस्त को, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अंदर एक ट्रैनी डॉक्टर का बलात्कार और हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने अपराध के लिए संजय रॉय नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। हत्या के बाद अस्पताल प्रशासन और कोलकाता पुलिस की भूमिका संदिग्ध निर्णयों के कारण सवालों के घेरे में आ गई। अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष ने कथित तौर पर पीड़िता के परिजनों को हत्या को आत्महत्या बताने की कोशिश की। पीड़िता के माता-पिता को अपनी बेटी का शव देखने से पहले तीन घंटे से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा। शव मिलने के करीब 14 घंटे बाद हत्या की एफआईआर दर्ज की गई। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है और उम्मीद है की आरोपियों को जल्दी ही उनके किए की सजा मिलेगी।
बंगाल की खाड़ी में बन रहा गहरा दबाव क्षेत्र, कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी