इंडिया न्यूज, गौतम बुद्ध नगर:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार 25 नवंबर को जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) का शिलान्यास करेंगे। इस हवाई अड्डे के शिलान्यास के साथ ही प्रदेश 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला राज्य बनने की तरफ अपना कदम बढ़ाएगा और 2024 तक प्रदेश के पास 5वां एयरपोर्ट होगा और देश में 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला पहला राज्य बन जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था जिससे प्रदेश के पूर्वी जिलों को दुनिया से जोड़ने में आसानी होगी।
अभी तक प्रदेश में लखनऊ और वाराणसी हवाई अड्डों को ही अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली थी, लेकिन 20 अक्टूबर को कुशीनगर में राज्य का तीसरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट शुरू हुआ और अयोध्या में चौथे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का काम चल ही रहा है। 25 नवंबर को जेवर एयरपोर्ट के शिलान्यास के बाद राज्य के पास 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हो जाएंगे। जेवर एयरपोर्ट के शिलान्यास के बाद राजधानी दिल्ली देश का पहला शहर बन जाएगा, जहां 70 किमी की रेंज में 3 एयरपोर्ट होंगे। जिनमें 2 इंटरनेशनल, दिल्ली और जेवर होंगे। तीसरा एयरपोर्ट गाजियाबाद का हिंडन है, जहां से घरेलू उड़ान संचालित होती हैं।
जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट 5845 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा, जिसमें कुल 4 हैलिपैड और 5 रनवे बनाए जाएंगे। पहले चरण में जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) का निर्माण 1334 हेक्टेयर जमीन पर होगा, जिसके अंतर्गत 2 यात्री टर्मिनल और 2 रनवे बनाए जाएंगे। इस हवाई अड्डे की सालाना क्षमता फिलहाल 40 लाख यात्रियों की होगी, जो कि साल-2050 तक 20 करोड़ होने का अनुमान है। 3 हजार किलोमीटर के दायरे में बन रहे जेवर एयरपोर्ट के निर्माण से इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में उत्तर प्रदेश एक लंबी छलांग लगा लेगा। एक्सप्रेसवे राज्य कहलाने वाला यूपी अब एयरपोर्ट राज्य भी कहलाया जाएगा।
जेवर में बन रहे हवाई अड्डे का नाम नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा जिसकी दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे से दूरी 72 किलोमीटर होगी। इसके अलावा नोएडा और दादरी से इसकी दूरी लगभग 40 किलोमीटर होगी। 3,000 एकड़ में बनने जा रहा जेवर हवाई अड्डा देश में सबसे बड़ा होगा। इस एयरपोर्ट के बनने से दिल्ली के हवाई अड्डे पर दबाव कम होगा ही, इसके साथ-साथ आगरा, मथुरा समेत पश्चिम यूपी के कई जिलों के लोगों को इससे सुविधा होगी।
शुरूआत में जेवर एयरपोर्ट से 8 डोमस्टिक और 1 इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू की जाएगी, जबकि दिल्ली एयरपोर्ट की क्षमता पूरी होते ही यहां से 27 डोमेस्टिक और 27 इंटरनेशनल फ्लाइट्स उड़ान भरने लगेंगी। जेवर एयरपोर्ट साल 2030 तक दिल्ली जैसा अंतरराष्ट्रीय आकार ले पाएगा।
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण का काम बीते सितंबर को शुरू हो चुका है। पहले चरण में जमीन को समतल करने और बाउंड्रीवाल बनाने का काम को पूरा कर लिया गया है। पहले चरण का काम शुरू होने से पहले जेवर के रोही गांव में 70 साल पुरानी और 20 फीट ऊंची हनुमानजी की मूर्ति को सारे धार्मिक रीति-रिवाज से हटा लिया गया था। जेवर एयरपोर्ट से साल 2024 तक पहली हवाई उड़ान सेवा शुरू होगी। एयरपोर्ट के पहले चरण में 1334 हेक्टेयर जमीन पर निर्माण होगा जिसमें 9 हजार करोड़ से निर्माण किया जाएगा।
जेवर एयरपोर्ट में कुल 30 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी। जेवर एयरपोर्ट वर्ल्ड क्लास हो इसके लिए तैयारियां हो रहीं हैं, जिसमें बेहतर कनेक्टिविटी से लेकर मनोरंजन साधनों तक का खास ध्यान रखा जायेगा। दिल्ली से घरेलू उड़ानों में 40 फीसदी मांग मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद व चेन्नई जैसी मेट्रो सिटी में आने-जाने वाले यात्री हैं। इसलिए जेवर एयरपोर्ट से शुरूआत में 8 घरेलू उड़ानें शुरू की जाएंगी।
भारत में दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट सबसे बड़ा हवाई अड्डा है, मुंबई का छत्रपति शिवाजी हवाई अड्डा दूसरा और बेंगलुरु का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा तीसरे स्थान पर है, लेकिन जेवर एयरपोर्ट के बनने के बाद क्षेत्रफल के नजरिए से जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत में सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। 2024 में जेवर एयरपोर्ट अपने पूरे क्षेत्रफल पर बनने के बाद, फ्लोरिडा के ऑरलैंडो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को पछाड़कर दुनिया के चौथे बड़े हवाई अड्डे की सूची में अपना स्थान बनाएगा और बिग-फाइव एयरपोर्ट की सूची में से डलास एयरपोर्ट का नाम बाहर हो जाएगा।
दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट 2066 हेक्टेयर जमीन पर बना है। यहां 3 रनवे और 3 टर्मिनल हैं। आईजीआई के टर्मिनल नंबर 3 विश्व का सबसे बड़ा यात्री टर्मिनल है। इस एयरपोर्ट से रोजाना करीब 700 विमानों की आवाजाही होती है और यहां एक बार में 256 विमानों को खड़ा करने की क्षमता है।
देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस वे का खिताब पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के पास है जो कि उत्तर प्रदेश में है, जिसका हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था। इससे पहले यह दर्जा यूपी के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे को हासिल था। अभी उत्तर प्रदेश में यमुना एक्सप्रेस वे, लखनऊ एक्सप्रेस वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस वे शुरू हो चुके हैं और बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, गंगा एक्सप्रेस वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे पर काम जारी है।
इन सभी एक्सप्रेस वे को मिला कर राज्य के पास अगले कुछ सालों में कुल 6 एक्सप्रेस वे हो जाएंगे। इसी के साथ दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे का एक बड़ा हिस्सा यूपी के गाजियाबाद, हापुड़ और मेरठ जैसे जिलों से पड़ता है। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे के दम पर देश में अपनी पहचान हासिल करने वाले महाराष्ट्र के पास भी 3 एक्सप्रेसवे हैं। उत्तर प्रदेश ने अपने एक्सप्रेस वे के जरिए देश में अलग पहचान बनाई है।
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