India News (इंडिया न्यूज), Jharkhand Assembly Election 2024: चुनव आयोग की तरफ से झारखंड विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया गया है। जो इस साल के अंत में 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में संपन्न होगा। वहीं चुनाव से पहले सोरेन सरकार ‘मैया सम्मान योजना’ का खूब प्रचार कर रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसे राज्य की महिलाओं को आगे बढ़ाने वाली योजना बता रहे हैं। लेकिन हकीकत में झारखंड की गरीब-पिछड़ी और युवा महिलाओं के कई गंभीर बयान सामने आ रहे हैं।
बता दें कि, झारखंड में हालात ऐसे हैं कि महिलाओं को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। आम जनता को राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों का प्रचार करना पड़ रहा है। इसका ताजा उदाहरण राज्य के सदर अस्पताल का बाहरी नजारा देखने को मिला, जहां एक गर्भवती महिला अपने बच्चे को जन्म देने के लिए अस्पताल में भर्ती है, लेकिन उसे भर्ती नहीं किया गया है। महिला ने जबरन सड़क पर ही एक बच्ची को जन्म दिया।
बता दें कि, इस महिला की पहचान रांची के काठीटांड़ निवासी गुलशन खातून के रूप में हुई है। गंभीर गुलशन खातून को दर्द से कराहते हुए सदर अस्पताल आने की सलाह दी गई। वहां मौजूद एक महिला डॉक्टर ने उसका इलाज किया और जटिलताओं के कारण महिला को रिम्स रेफर कर दिया। लेकिन महिला को रिम्स नहीं ले जाया जा सका, इसलिए उसे अस्पताल के बाहर ही बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह घटना 11 अक्टूबर की बताई जा रही है।
बता दें कि, @rrkforyou नामक एक व्यक्ति ने एक्स पर वीडियो साझा किया है। इस दौरान उसने लिखा कि रांची के सदर अस्पताल में एक महिला अपने बच्चे को जन्म देने अस्पताल पहुंचती है। लेकिन उसे अस्पताल में नही लिया जाता बल्कि वहां से निकाल दिया जाता है। मजबूरी में महिला को सड़क पर ही बच्ची को जन्म देना पड़ा। उसने आगे लिखा कि कितनी लचर व्यवस्था है रांची सदर अस्पताल की। बुनियादी सुविधाओं का अभाव दूर हो जाए तो झारखंडवासियों को मईया सम्मान योजना अथवा गोगो दीदी सम्मान योजना जैसे लोलीपॉप योजना की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। @JharkhandCMO से आग्रह है महिलाओं के प्रति स्वास्थ्य सुविधाओं और जागरूकता के लिए विशेष योजना लाई जाए ताकि माताओं बहनों को ऐसी असुविधा और घोर लापरवाह व्यस्था का सामना न करना पड़े।
दरअसल, इस मामले को लेकर जब आलोचना हुई तो अचल सरकार के प्रशासन ने इस मामले को सामान्य माना है। इस मामले में रांची डीसी ने जांच टीम गठित कर दी है। इस टीम की जांच में यह विविधता किसकी है और इसकी जांच रिपोर्ट को बाद में मंजूरी दी जाएगी। वहीं महिला की हालत ठीक है। लेकिन उसके साथ कुछ भी हो सकता था। सोरेन सरकार पर अब सवाल उठ रहे हैं कि एक तरफ मैया योजना के तहत महिलाओं के खाते में एक हजार रुपये दिए गए हैं और दूसरी तरफ उनके शासन में महिलाओं की ऐसी हालत हो गई है।
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