इंडिया न्यूज, रांची:
झारखंड के देवघर में रोपवे में फंसे 48 में से 46 लोगों को सकुशल निकाल लिया गया है। बचावकर्मी लगभग 44 घंटे के आॅपरेशन के बाद इन लोगों बचा पाने में कामयाब हुए। घटना में दो लोगों की मौत हो गई। गौरतलब है कि देवघर में त्रिकुट पर्वत पर लगी रोपवे में लोग फंस गए थे। केबिन नंबर सात में फंसे छठी लाल साह को आज दोपहर बाद निकालने के बाद करीब एक बजे अभियान समाप्ति की घोषणा की गई।
दो दिन से बचाव में जुटी थी सेना, वायुसेना व आईटीबीपी
भारतीय सेना के अलावा वायुसेना, आइटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें बचाव के काम में दो दिन तक जुटी रहीं। जिन दो लोगों की मौत हुई है वे भी जिंदगी के करीब आ गए थे, लेकिन अचानक उनका साथ छूट गया। हादसे में कुल तीन लोगों ने अपनी जान गंवाई है। छठी लाल साह से पहले उनकी पत्नी शोभा देवी को बचाने के क्रम में वह डेढ़ हजार फीट नीचे खाई में गिर गईं। जानकारी के अनुसार ऊपर खींचते समय शोभा देवी से बंधी रस्सी का हुक केबिन के गेट में फंस गया था। कमांडो इसे निकालने की कोशिश कर रहा था, लेकिन तभी रस्सी टूट गई और महिला गिर गई।
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त्रिकुट पर्वत पर झारखंड का एकमात्र रोपवे
झारखंड में देवघर के त्रिकुट पर्वत पर एकमात्र रोपवे है। इसके जरिये यहां आए पर्यटक पर्वत पर जाते हैं। रविवार को रोपवे ने जैसे ही यात्रा प्रारंभ की, इसके टाप लेवल के रोप का सैप टूट गया। इससे रोपवे बंद हो गया। हालांकि नीचे से ऊपर की ओर जाने वाला सैप नहीं टूटा था।
सरकार को सालाना मिलते हैं 80 लाख रुपए
रोप वे का संचालन दामोदर वैली कंपनी करती है। इससे सालाना तकरीबन 80 लाख रुपए सरकार को मिलते हैं। रोपवे के शुरू होने पर एक तरफ से 12 केबिन और दूसरी तरफ से 12 केबिन एक साथ चलते हैं। घटना ऊपर से नीचे आने वाले रोपवे के सैप टूटने से हुई है।
Jharkhand Ropeway Accident Update
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