India News (इंडिया न्यूज), Prathmesh Metangle: गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) के अध्यक्ष और फातोर्डा से विधायक विजय सरदेसाई ने गोवा सरकार पर “कैश फॉर जॉब” घोटाले का आरोप लगाया है। 10 सितंबर 2024 को, सरदेसाई ने खुलासा किया कि अक्टूबर 2023 में कलेक्टर ऑफिस में शुरू हुई निम्न श्रेणी लिपिक (LDC) पदों के लिए भर्ती में उम्मीदवारों से नौकरी पाने के बदले रिश्वत मांगी गई थी। उन्होंने आगे कहा कि, “जो नौकरियां योग्य लोगों को मिलनी चाहिए थीं, उन्हें गोवा की प्रमोद सावंत सरकार ने बेच दिया है।”

जिन्होंने रिश्वत नहीं दी, वो फेल हो गए

सरदेसाई ने बताया कि इन पदों के लिए पहली परीक्षा अक्टूबर 2023 में हुई थी, जिसके बाद फरवरी 2024 में स्किल टेस्ट लिया गया। सात महीने बीत जाने के बाद भी परिणाम संदेहास्पद रूप से विलंबित हो गए। सरदेसाई ने दावा किया है कि उन्हें ये जानकारी उम्मीदवारों से प्राप्त शिकायतों से मिली। उम्मीदवारों ने कथित तौर पर ये बताया कि एक महिला ने उनसे नौकरी पाने के लिए पैसे की मांग की, और जिन्होंने पैसे नहीं दिए उन्हें फेल कर दिया गया। इस महिला को “मैडम” नाम से पुकारा जाता है। सरदेसाई ने इन दावों की तत्काल जांच की मांग की, और पारदर्शिता की आवश्यकता पर जोर दिया।

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इसके पहले भी गूंज चुका है ये मुद्दा

बता दें कि, सरदेसाई ने राजस्व मंत्री बाबुश मोनसेराते को भी याद दिलाया कि उन्होंने स्वयं ही सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) पर इसी तरह के “कैश फॉर जॉब” घोटाले का आरोप लगाया था। आज, मोनसेराते स्वयं उसी आरोप का सामना कर रहे हैं।

उत्पल पर्रिकर ने भी उठाया है मामला

इस घोटाले को और बल तब मिला जब दिवंगत मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर ने सार्वजनिक रूप से बाबुश मोनसेराते को कैबिनेट से हटाने की मांग की। पर्रिकर ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, “बीजेपी बाबुश जैसे व्यक्ति के कारण कलंकित हो गई है। मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि वे आरोपों की जांच करें, और मुझे यकीन है कि अगर मुख्यमंत्री सख्त कार्रवाई करते हैं, तो जनता इसका समर्थन करेगी।” पर्रिकर ने आगे कहा कि विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाया है और सुझाव दिया कि मुख्यमंत्री सावंत को गहन जांच करवानी चाहिए।

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