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वक्फ बिल को लंबा खींचकर राजनीतिक लाभ उठाना चाह रही विपक्ष? कर दिया ये डिमांड, अब आखिरी फैसला लेंगे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला

India News (इंडिया न्यूज), Waqf Board Bill: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार (27 नवंबर, 2024) को वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के लिए और समय मांगा। इससे पहले विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया था कि अध्यक्ष जगदंबिका पाल जल्दबाजी में 29 नवंबर की समयसीमा तक कार्यवाही बंद करना चाहते हैं। झारखंड के गोड्डा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद ने बुधवार को संसदीय पैनल की बैठक के दौरान एक प्रस्ताव पेश किया। विपक्षी सांसदों द्वारा बैठक से वॉकआउट करने के कुछ घंटों बाद यह कदम उठाया गया। उनका आरोप था कि कार्यवाही मजाक बनकर रह गई है। 

कार्यकाल में विस्तार की कर रहे मांग

करीब एक घंटे बाद आंदोलनकारी सांसद बैठक में वापस आए, क्योंकि संकेत थे कि जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल पैनल के कार्यकाल में विस्तार की मांग कर सकते हैं। विपक्षी सांसद वक्फ संशोधन विधेयक के लिए जेपीसी के कार्यकाल में विस्तार की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि, हितधारकों को अपना मामला पेश करने के लिए और समय की आवश्यकता है, क्योंकि पैनल की अभी तक केवल 25 बार बैठक हुई है। अध्यक्ष पाल की मसौदा रिपोर्ट के बावजूद, विपक्षी सांसद तैयार नहीं हैं और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से समयसीमा बढ़ाने का आग्रह किया है। 

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लोकसभा द्वारा लिया जाएगा अंतिम निर्णय

वाईएसआर कांग्रेस के सांसद वी विजयसाई रेड्डी ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन करने वाली सभी पार्टियां विस्तार नहीं चाहती थीं, लेकिन पाल ने अपना काम पूरा करने का आह्वान किया ताकि रिपोर्ट 29 नवंबर को लोकसभा में पेश की जा सके। कुछ रिपोर्टों से पता चलता है कि समिति का कार्यकाल अगले साल बजट सत्र के पहले सप्ताह तक बढ़ाया जा सकता है और अंतिम निर्णय लोकसभा द्वारा लिया जाएगा।

सरकार ने इस उद्देश्य से बिल को किया है पेश

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, 8 अगस्त, 2024 को सरकार ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया और कहा कि इस कानून का उद्देश्य वक्फ बोर्ड के काम को सुव्यवस्थित करना और वक्फ संपत्तियों का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करना है। विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों द्वारा चिंता व्यक्त किए जाने के बाद इसे तुरंत एक संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया, जिसमें दावा किया गया कि यह विधेयक समुदाय के खिलाफ एक लक्षित उपाय है और उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।

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Sohail Rahman

पत्रकारिता में 5 साल का अनुभव है। करियर की शुरुआत इंशॉट्स से की थी, जहां करीब 5 साल काम किया।अब इंडिया न्यूज में कंटेंट राइटर के तौर पर कार्य कर रहा हूं। मेरा पसंदीदा बीट राजनीति, विदेश और खेल है। इसके अलावा मैं मनोरंजन, धर्म, हेल्थ, टेक, एजुकेशन की खबरों को भी लिख सकता हूं।

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