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K Natwar Singh Dies: पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह का निधन, 93 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस

Raunak Kumar • LAST UPDATED : August 11, 2024, 4:49 am IST

K Natwar Singh Dies

India News (इंडिया न्यूज), K Natwar Singh Dies: भारत के पूर्व विदेश मंत्री के नटवर सिंह का लंबी बीमारी के बाद शनिवार (10 अगस्त) रात निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के पास गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में 93 वर्ष के उम्र में अंतिम सांस ली, जहां वे पिछले कुछ हफ्तों से भर्ती थे। बता दें कि के नटवर सिंह का जन्म 1931 में राजस्थान के भरतपुर जिले में हुआ था। एक पारिवारिक सूत्र ने शनिवार देर रात पीटीआई को बताया कि उनका बेटा अस्पताल में है और रविवार को दिल्ली में होने वाले अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक राज्य से कई और परिवार के सदस्य दिल्ली आ रहे हैं। वे कुछ समय से अस्वस्थ थे।

भजनलाल शर्मा ने जताया दुख

बता दें कि, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक्स पर लिखा कि भारत सरकार में पूर्व विदेश मंत्री, पद्म विभूषण से सम्मानित कु. नटवर सिंह जी के निधन का समाचार अत्यन्त दुःखद है। प्रभु श्रीराम जी से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिवार को इस दुख की घड़ी में संबल प्रदान करें। ॐ शांति! वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने लिखा कि पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह जी के निधन का समाचार दुखद है। ईश्वर उनके परिजनों को यह क्षति सहने की शक्ति दे और दिवंगत आत्मा को सदगति प्रदान करें।

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गौरतलब है कि पूर्व कांग्रेस सांसद के नटवर सिंह तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-1 सरकार के दौरान 2004-05 की अवधि के लिए भारत के विदेश मंत्री थे।

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कौन थे कुंवर नटवर सिंह?

कुंवर नटवर सिंह ने पाकिस्तान में राजदूत के रूप में भी काम किया और 1966 से 1971 तक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यालय से जुड़े रहे। उन्हें 1984 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। के नटवर सिंह ने कई किताबें भी लिखीं। कि कुंवर नटवर सिंह ने मई 2004 से दिसंबर 2005 तक विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया। उनको 1953 में भारतीय विदेश सेवा में चुना गया था। 1984 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य के रूप में चुनाव लड़ने के लिए सेवा से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने चुनाव जीता और 1989 तक केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। इसके बाद, 2004 में भारत के विदेश मंत्री बनाए जाने तक उनका राजनीतिक करियर उतार-चढ़ाव भरा रहा।

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