India News (इंडिया न्यूज़), Kanpur: कानपुर के पांच साल के बच्चे ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बच्चा कोर्ट से अपने स्कूल के पास शराब की दुकान को हटवाना चाहता है। इस बच्चे का नाम अथर्व है। अथर्व ने अपने पिता के जरीए जनहित याचिका यानी पीआईएल दायर किया है। याचिका में अथर्व ने कहा कि, दुकान उसके साथी छात्रों और आसपास रहने वाले लोगों के रोजाना के जीवन को प्रभावित कर रही है।
याचिकाकर्ता अथर्व आज़ाद नगर के सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल में किंडरगार्टन का छात्र है। अथर्व के पिता खुद एक वकील हैं। वकील पिता ने कहा, स्कूल की स्थापना के बाद शराब की दुकान का लाइसेंस रिन्युअल गलत था।
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याचिका में क्या लगाया है आरोप?
अथर्व ने अपने वकील पिता प्रसून दीक्षित के माध्यम से याचिका में आबकारी विभाग के मुख्य सचिव, लखनऊ के आबकारी आयुक्त, डीएम (लाइसेंसिंग प्राधिकारी) कानपुर नगर, आबकारी अधिकारी कानपुर और शराब की दुकान संचालक ज्ञानेंद्र कुमार को नामित किया है।
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि दुकान, असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। इसमें कहा गया है, हर कोई शराबियों को स्कूल के आसपास घूमते और गंदी भाषा में बात करते हुए देखता है। अथर्व ने अपने पिता को तब बताया जब पानी सर के ऊपर हो गया।
कोर्ट ने क्या कहा?
हाईकोर्ट ने 23 फरवरी को सुनवाई के दौरान इस मामले को लेकर उत्पाद शुल्क विभाग से जवाब मांगा। कोर्ट ने सवाल उठाया है कि जब स्कूल पहले से ही संचालित था तो विभाग ने लाइसेंस का नवीनीकरण कैसे कर दिया?
कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि, किसी भी पूजा स्थल, स्कूल, अस्पताल, फैक्ट्री या बाजार या आवासीय कॉलोनी के प्रवेश द्वार से 100 मीटर के दायरे में किसी भी दुकान को चलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी।
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