Kanpur: Links with International Gold Smuggler पीयूष जैन के खिलाफ डीआरआई ने शुरू की छानबीन
इंडिया न्यूज़, कानपुर:
Perfume maker piyush jain, i-t raid at piyush jain premises: कानपुर के इत्र कारोबारी (perfume maker)पीयूष जैन की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही, जैन के घर में मिलीं दुबई और आस्ट्रेलिया में निर्मित सोने की ईंटों पर न तो कस्टम ड्यूटी अदा की गई है और न ही पिता-पुत्र खरीदे गए सोने का बिल ही जांच (piyush jain income tax raid)एजेंसी के सामने पेश कर पाए हैं। ऐसे में पीयूष जैन के ठिकानों से मिली सोने की ईंटों और बिस्किटों को डीआरआई टीम दिल्ली लेकर आई है। यहां जैन से बरामद किए गए सोने पर लगी मुहर और गुणवत्ता की जांच पड़ताल की जाएगाी। अगर जांच एजेंसी को अवैध ढंग से सोने की तस्करी के सबूत मिलते हैं तो पीयूष पर एक और मामला दर्ज कर दिया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय सोना तस्कर माफिया से हो सकते हैं संबंध International gold smuggling may have links with mafia
Perfume maker piyush jain, i-t raid at piyush jain premises: राजस्व खुफिया महानिदेशालय (डीआरआई) की टीम को शक है कि पीयूष के लिंक अंतरराष्ट्रीय सोना तस्कर गिरोह से जुड़े हो सकते हैं। इत्र कारोबारी (perfume maker)के घर से डीजीजीआई की टीम को 23 किलो सोना बरामद हुआ है जिसमें सोने की ईंट और बिस्किट शामिल हैं। क्योंकि इत्र कारोबारी जैन डीजीजीआई के समक्ष मिले सोने के बिल (gst news) पेश करने में असमर्थ रहे हैं। ऐसे में जांच एजंसी को लगता है कि कहीं पीयूष जैन के संबंध अंतर्राष्ट्रीय सोना तस्करों से तो नहीं हैं। बता दें कि पीयूष जैन से अभी तक एक तरफ जहां 195 करोड़ रुपए की नकदी बरामद हो चुकी है वहीं करीब 100 करोड़ रुपए की अन्य संपत्ती बरामद हो चुकी है।
जांच में जुटी जांच एजेंसियां agencies involved in the investigation
Perfume maker piyush jain, i-t raid at piyush jain premises: जांच एजेंसियों यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि पीयूष (perfume maker) के पास इतना सोना कहां से आया। जांच एजेंसियों को शक है कि यह सोना विदेश से लाया गया हो सकता है। क्योंकि दुबई में सोने पर टैक्स नहीं लिया जाता और अगर यह अस्ट्रेलिया से लाया गया है तो वहां टैक्स बहुत कम वसूला जाता है। लेकिन बरामद किए गए सोने पर भारत में टेक्स की दरें जो हैं वह विदेशों के अपेक्षाकृत अधिक हैं। लेकिन उस पर भी टेक्स दिए जाने की कारोबारी के पास न तो कोई रसीद मिली है और न ही पीयूष सोने से जुड़े अन्य कोई दस्तावेज पेश कर पाया है। ऐसे में अब डीआरआई पता लगाने की कोशिश कर रही है कि सोना कहां से और कब आया, क्या इसके पीछे किसी अंतरराष्ट्रीय सोना तस्कर गिरोह का हाथ है या फिर जल्द अमीर बनने के चक्कर में पीयूष जैन हवाला कारोबार के जरिये सोने की तस्करी करता है।
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