India News(इंडिया न्यूज), Jharkhand: सावन का पवित्र महीना चल रहा है और ऐसे में कांवड़िये यात्रा तय करते हैं जो कि काफी कठिन होती है। लेकिन इस आस्था का मजाक उड़ाता एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें कांवड़ियों को झारखंड के एक मॉल के अंदर प्रवेश करने से मना किया जा रहा है क्योंकि उनके पांव में ब्रेंडिड जूते नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड प्रदेश कांग्रेस महासचिव राकेश सिन्हा ने इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की चुप्पी की आलोचना की और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कार्रवाई करने की मांग की। आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं पूरी जानकारी।
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वीडियो वायरल
वीडियो के कारण राजनीतिक आक्रोश फैल गया है, विपक्षी दलों ने मॉल का पंजीकरण रद्द करने की मांग की है। रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड प्रदेश कांग्रेस महासचिव राकेश सिन्हा ने इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की चुप्पी की आलोचना की और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कार्रवाई करने की मांग की।
झारखंड मॉल के अंदर जाने से किया इनकार
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे सावन के पवित्र महीने में एक शर्मनाक कृत्य बताया। शाहदेव ने झारखंड पुलिस और राज्य सरकार से मॉल के संचालकों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की और सनातन धर्म के कथित अपमान के लिए माफी मांगने की मांग की।
बीजेपी नेता ने की आलोचना
इस घटना ने स्थानीय हिंदू संगठनों का भी ध्यान खींचा है, हालांकि भगवाधारी युवकों की पहचान और मूल अभी भी स्पष्ट नहीं है। स्थानीय प्रशासन मामले की जांच कर रहा है और मॉल प्रबंधन से जानकारी जुटा रहा है। ‘रांची का मॉल’, जिसका उद्घाटन 13 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बॉलीवुड निर्देशक प्रकाश झा ने किया था, 2.5 लाख वर्ग फीट में फैला है और इसमें कई ब्रांड के शोरूम हैं।
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मांगी माफी
रिपोर्ट्स के अनुसार मॉल ने माफ़ी मांगते हुए कहा है कि मॉल में नंगे पैर प्रवेश न करने की नीति फिसलन भरी मंजिलों पर दुर्घटनाओं को रोकने और सभी आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लागू की गई थी। यह घटना कुछ हफ़्ते पहले एक बुज़ुर्ग किसान को धोती पहनने के कारण बेंगलुरु में शॉपिंग करने से कथित तौर पर मना कर दिए जाने के बाद हुई है। इस घटना से लोगों में आक्रोश फैल गया और मॉल के अधिकारियों को माफ़ी मांगनी पड़ी।