India News (इंडिया न्यूज), Kolkata Doctor Rape Murder Case: कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर केस के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लाइव स्ट्रीमिंग रोकने की कपिल सिब्बल की अपील को सिरे से खारिज कर दिया है। सिब्बल का कहना था कि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट में हंसने के आरोप पर पीठ की टिप्पणी से उनकी पचास साल की साख और छवि धूमिल हुई है, क्योंकि वो हंसे ही नहीं थे। इसलिए कपिल सिब्बल ने इस मुकदमे की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगाए जाने की मांग की। पीठ के सामने मंगलवार (17 सितंबर, 2024) को जांच के लिए सबूत मुहैया कराने पर ही बहस हुई है।
आखिर क्यों कपिल सिब्बल ने लाइव स्ट्रीमिंग पर लगाने की मांग की
कोलकाता रेप मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। इस दौरान पश्चिम बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले की सुनवाई से पहले 5 मिनट हमें सुन लीजिए । उन्होंने कहा कि हमारा आग्रह इस मामले की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर है, क्योंकि आप अगर कोई कमेंट करते हैं, तो मेरी 50 साल की प्रतिष्ठा पर सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर ऐसा माहौल बनाया जा रहा है, जैसे बंगाल सरकार का पक्ष रखकर हम गुनाहगारों की तरफ खड़े हो गए हैं। मेरी 50 साल की प्रतिष्ठा रातोंरात नष्ट हो रही है।
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सुप्रीम कोर्ट ने लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने से किया इनकार
कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि मीडिया में कहा जा रहा है कि, मैं सुनवाई के दौरान हंस रहा था। जबकि मैं कभी नहीं हंसा और लोग उसे चला रहे थे। ये बेहद गंभीर और संवेदनशील मामला है। लिहाजा इस मामले की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगाई जाए। सीजेआई ने कहा, ‘नहीं, हम लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक नहीं लगाएंगे।’ इसके बाद सीजेआई ने कहा कि हम सबसे पहले सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट देखेंगे। सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा कि आरोप पत्र दाखिल करने के लिए इस मामले में कितनी समय सीमा है? SG तुषार मेहता ने जवाब दिया कि नए कानून के मुताबिक रेप के मामले में 60 दिन, लेकिन यहां रेप एंड मर्डर है, इसलिए 90 दिनों में आरोप पत्र दाखिल करना है।
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