India News (इंडिया न्यूज़),(Report- Rakesh Singh) Kartik Sharma: सांसद कार्तिकेय शर्मा ने जारी मानसून सत्र में सदन में स्वदेशी चिप्स और सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षमताओं को लेकर सवाल पूछा कि इसको प्रोत्साहन देने के लिए सरकार द्वारा क्या क्या उपाय किए जा रहे हैं और इस बारे में अब तक क्या प्रगति हुई है। आगे उन्होंने पूछा कि चिप और सेमीकंडक्टर का आयात व्यापारिक संबंधों, प्रौद्योगिकी भागीदारी और राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में देश के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को किस प्रकार प्रभावित करता है, साथ ही पूछा कि आयात पर इस निर्भरता से जुड़ी कमजोरियां क्या है और उन कमजोरियों को दूर करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। इसी को लेकर ये सवाल भी पूछा कि क्या सरकार से चिप्स और सेमीकंडक्टर के सामरिक महत्व को ध्यान में रखते हुए देश की जगत पर निर्भरता को कम करने और उनके घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए कोई पहल की है और इन योजनाओं के अंतर्गत परित उद्देश्य, समय-सीमा और नीतिगत उपाय क्या-क्या है?

मिला लिखित जवाब

इस पर इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने निर्दलीय सांसद कार्तिकेय शर्मा द्वारा पूछे गए उपरोक्त सवालों के लिखित जवाब में कहा कि सरकार समग्र सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के अपने महत्वपूर्ण उद्देश्य पर बहुत केंद्रित है और यह सुनिश्चित करती है कि यह बढ़ने में भारत के तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को वेटलिसिस करे सरकार ने देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए 76,000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ संशोधित सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है।

भारत की बढ़ती उपस्थिति का मार्ग प्रशस्त करेगा

संशोधित कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर, प्रदर्शन विनिर्माण और डिजाइन पारिस्थितिकी तंत्र में निवेश करने वाली कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। यह वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की बढ़ती उपस्थिति का मार्ग प्रशस्त करेगा। उपरोक्त कार्यक्रम के तहत कई योजनाएं शुरू की गई हैं। इसके तहत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और एक विश्वसनीय मूल्य श्रृंखला स्थापित करने में मदद करने के लिए देश में सेमीकंडक्टर वेफर फैब्रिकेशन सुविधाओं की स्थापना के लिए बड़े निवेश को अर्पित करने के लिए ‘भारत में सेमीकंडक्टर फैन्स की स्थापना के लिए संशोधित योजना। यह योजना भारत में सिलिकॉन सीएमओएस आधारित सेमीकंडक्टर की स्थापना के लिए समान आधार पर परियोजना लागत का 50% वित्तीय समर्थन प्रदान करती है।

पूंजीगत व्यय का 50% वित्तीय समर्थन प्रदान

साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए देश में टीएफटी एलसीडी वा एएमओएलइडी आधारित डिस्प्ले पैनल के निर्माण के लिए बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए ‘भारत में डिस्प्ले फिल्म की स्थापना के लिए संशोधित योजना’ यह योजना भारत में डिस्प्ले फैन्स की स्थापना के लिए समान आधार पर परियोजना लागत का 50% वित्तीय समर्थन प्रदान करती है। इसके अलावा ‘भारत में कंपाउंड सेमीकंडक्टर / सिलिकॉन फोटोनिक्स / सेंसर फैब / डिस्क्रीट सेमीकंडक्टर फैब और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग ( एटीएमपी) / ओएसएटी सुविधाओं की स्थापना के लिए संशोधित योजना भारत में कपाउंड सेमीकंडक्टर / सिलिकॉन (फोटोनिक्स (एसआईपीएच / नर (एमइएमएस सहित) व डिस्क्रीट सेमीकंडक्टर फैब और सेमीकंडक्टर एटीएमपीओएसएटी सुविधाओं की स्थापना के लिए समान आधार पर पूंजीगत व्यय का 50% वित्तीय समर्थन प्रदान करती है।

‘उत्पाद डिजाइन से जुड़ा प्रोत्साहन और प्रति आवेदन ₹30 करोड़ की सीमा के अधीन,

साथ ‘सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिज़ाइन डिजाइन लिंक्ट इंसेंटिव (डीएलआई) योजना इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी), चिपसेट, सिस्टम ऑन चिप्स (एससी) सिस्टम और आईपी कोर और सेमीकंडक्टर लिंक्ड डिजाइन के लिए सेमीकंडक्टर डिजाइन के विकास और तैनाती के विभिन्न चरणों में वित्तीय प्रोत्साहन, डिजाइन बुनियादी ढांचे का समर्थन प्रदान करती है। यह योजना प्रति आवेदन 215 करोड़ की सीमा के अधीन व्यय के 50% तक ‘उत्पाद डिजाइन से जुड़ा प्रोत्साहन और प्रति आवेदन ₹30 करोड़ की सीमा के अधीन, 5 वर्षों में निवल बिक्री कारोबार का 6% से 4% तक ‘तैनाती से जुड़ा प्रोत्साहन’ प्रदान करती है। उपरोक्त चारों योजनाओं के अलावा, सरकार ने समीकंडक्टर प्रयोगशाला, मोहाली को ब्राउनफील्ड के रूप में आधुनिकीकरण को भी मंजूरी दे दी है।

अब तक ₹22,516 करोड़ पूंजी का किया निवेश

अब तक ₹22,516 करोड़ (USD 2.75 बिलियन) के पूंजी निवेश के साथ भारत में सेमीकंडक्टर एटीएमपी इकाई स्थापित करने के लिए माइकोन टेलॉजी के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। सेमीकंडक्टर की स्थापना के लिए भारी निवेश की आवश्यकता होती है और निर्वाध बिजली और स्वच्छ पानी की उपलब्धता जैसे उपयुक्त बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, सेमीकंडक्टर विनिर्माण एक बहुत ही जटिल और प्रौद्योगिकी गहन क्षेत्र है जिसमें भारी पूंजी निवेश, उ जोखिम, लंबी अवधि और भुगतान अवधि और प्रौद्योगिकी में तेजी से बदलाव होते हैं जिसके लिए महत्वपूर्ण और निरंतर निवेश की आवश्यकता होती है।

आगे क्या मिला लिखित जवाब

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने निर्दलीय सांसद कार्तिकेय शर्मा द्वारा पूछे गए प्रश्न के लिखित जवाब में आगे कहा कि सरकार प्रौद्योगिकी साझेदारी, सहयोगी अनुसंधान एक प्रतिभा पाइप लाइन का निर्माण, एक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण, माग एकत्रीकरण, बुनियादी ढांचे के विकास, विश्वास कूटनीति और बढ़ते डिजिटल और प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र के अन्य सहायक ढांचे पर सहयोग के लिए अन्य देशों के साथ मिलकर काम कर रही है। भारत में लचीली सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं को आगे बढ़ाने और पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के अवसरों पर द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए भारत और अमेरिका के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किए हैं।

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