India News (इंडिया न्यूज़), (Report- Rakesh Singh) Kartik Sharma: सांसद कार्तिकेय शर्मा निरंतर जनसरोकार से मामले लगातार उठा रहे हैं। इन दिनों देश भर में टमाटरों की कीमत में उछाल का मुद्दा हर जगह चर्चा में है। इसी को लेकर उन्होंने जारी मानसून सत्र में उन्होंने मानसून सत्र के दूसरे दिन सवाल पूछा कि अगले महीने टमाटर की कीमतों में अपेक्षित गिरावट में योगदान देने वाले कारकों का और इस अनुमानित गिरावट के पीछे प्रमुख घटक क्या हैं। साथ ही पूछा कि सरकार द्वारा उपभोक्ताओं की वहनीयता सुनिश्चित करने के लिए टमाटर की कीमतों की निगरानी और उन्हें विनियमित करने के लिए क्या उपाय किए गए हैं; किसानों की आय और आजीविका पर टमाटर की कीमतों में प्रत्याशित गिरावट का अनुमानित प्रभाव क्या होगा। इसके अलावा पूछा कि ये भी बताया जाए कि किसानों को समर्थन देने और खासकर कीमत में उतार-चढ़ाव के दौरान टमाटर बाजार में उनकी उचित और लाभकारी भागीदारी सुनिश्चित करने की क्या योजना है। इसके अलावा ये भी बताया जाए कि टमाटर की बर्बादी को कम करने और बाजार में टमाटर की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए फसल कटाई के बाद अवसंरचना, भंडारण सुविधाओं और परिवहन नेटवर्क को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
इसको लेकर उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लिखित जवाब में बताया कि महाराष्ट्र में नासिक, नारायणगांव एवं औरंगाबाद क्षेत्र और मध्य प्रदेश से नये फसल के आगमन में वृद्धि के कारण टमाटर की कीमतों में गिरावट आने की आशा है। उपभोक्ता मामले विभाग टमाटर सहित 22 आवश्यक खाद्य वस्तुओं की दैनिक खुदरा कीमतों की निगरानी करता है। टमाटर की कीमतों में मौजूद वृद्धि को रोकने और इसे उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराने के लिए, सरकार ने मूल्य स्थिरीकरण कोष के तहत टमाटर की खरीद शुरू की है और इसे उपभोक्ताओं को अत्यधिक रियायती दर पर उपलब्ध करा रही है। राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ ( एनसीसीएफ) और राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) लगातार आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों से टमाटर की खरीद रहे हैं। कीमतों पर रियायत देते हुए इसे दिल्ली-एनसीआर, बिहार, राजस्थान आदि के प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों में उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर उपलब्ध करा रहे हैं। शुरू में टमाटर की बिक्री 90 रुपये प्रति किलोग्राम के खुदरा मूल्य पर की गई थी, 16 जुलाई से से घटाकर 80 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया गया और 20 जुलाई से दोबारा घटाकर 70 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया गया है।
निर्दलीय सांसद कार्तिकेय शर्मा द्वारा पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लिखित जवाब में बताया कि टमाटर की कीमतों में वर्तमान वृद्धि किसानों को अधिक टमाटर उगाने के लिए प्रोत्साहित करेगा जो कि आने वाले महीनों में कीमतों को स्थिर रखेगा। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएफडब्ल्यू) शीघ्र नष्ट होने वाली कृषि-बागवानी वस्तुओं के उत्पादकों को अधिक उपज आगमन की अवधि के दौरान बंपर फसल की स्थिति में किसानों को कीमतें के आर्थिक स्तर और उत्पादन लागत से नीचे गिर जाने पर मजबूरीवश बिक्री करने से बचाने के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) क्रियान्वित करता है। इस योजना के अंतर्गत, कीमत में गिरावट के कारण होने वाले नुकसान को केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के बीच 50:50 के आधार पर वहन किया जाता है। एमआईएस की शुरुआत के बाद से अब तक, कृषि और किसान कल्याण विभाग को, टमाटर की मजबूरन बिक्री का समाधान करने के लिए बाजार में हस्तक्षेप हेतु राज्य सरकारों से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय टमाटर सहित कृषि बागवानी वस्तुओं के मूल्य वर्धन को बढ़ाने और फसलोत्तर हानि को कम करने के लिए ऑपरेशन ग्रीन्स लागू करता है। स्कीम के उद्देश्य किसानों के लिए उपज का मूल्य बढ़ाना, उत्पादकों को मजबूरन बिक्री से बचाना, खाद्य प्रसंस्करण संरक्षण क्षमताओं और मूल्य वर्धन में वृद्धि और फसलोत्तर हानि में कमी करना है।
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