काशी तमिल संगमम के उद्घाटन में बोले पीएम :‘काशी और तमिलनाडु की संस्कृति-सभ्यता कालातीत’,एक स्वयं में काशी तो तमिलनाडु है दक्षिण काशी

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर भारत और दक्षिण भारत की संस्कृति को संगम कराने के लिए आयोजित किए गए काशी-तमिल संगमम् का वाराणसी में शुभारंभ किया। आपको बता दें, एक माह तक चलने वाले इस समारोह को BHU के एंफीथिएटर मैदान में आयोजित किया गया है। जानकरी हो, काशी तमिल संगमम के शुभारम्भ के साथ ही पीएम ने तमिल समेत 13 भाषा में लिखी गई धार्मिक पुस्तक तिरुक्कुरल और काशी-तमिल संस्कृति पर लिखी गईं पुस्तकों का विमोचन किया।

आपको बता दें, इस संगमम में प्रधानमंत्री का संबोधन शुरू होने से पहले तमिल के प्रसिद्ध संगीतकार व राज्यसभा सांसद इळैयराजा और उनके शिष्यों ने साज-सज्जा के साथ ऊँ, गणेश, शिव, शक्ति, समेत अन्य देवगणों का मंत्र स्तुति के साथ आह्वान किया। इसके अलावा, मंच पर विशेष राग में शहनाई वादन भी हुआ। इस दौरान शहनाई वादक कासिम और बाबू संग तमिल के कलाकारों ने संगत की।

पीएम ने इस संगमम को बताया गंगा -यमुना की तरह पवित्र

लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “एक ओर पूरे भारत को अपने आप में समेटे हमारी सांस्कृतिक राजधानी काशी है तो दूसरी ओर भारत की प्राचीनता और गौरव का केंद्र हमारा तमिलनाडु और तमिल संस्कृति है। ये संगम भी गंगा-यमुना के संगम जितना ही पवित्र है।” पीएम ने कहा कि काशी और तमिलनाडु दोनों शिवमय हैं, दोनों शक्तिमय हैं। एक स्वयं में काशी है तो तमिलनाडु में दक्षिण काशी है। काशी-काँची के रूप में दोनों की सप्तपुरियों में अपनी महत्ता है।

पीएम ने आगे कहा, “हमें आजादी के बाद हजारों वर्षों की परंपरा और इस विरासत को मजबूत करना था, इस देश का एकता सूत्र बनाना था, लेकिन दुर्भाग्य से इसके लिए बहुत प्रयास नहीं किए गए। ‘काशी-तमिल संगमम्’ इस संकल्प के लिए एक प्लेटफॉर्म बनेगा और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए ऊर्जा देगा।”

पीएम ने तमिल भाषा के संदर्भ में कहा, “हमारे पास दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल है। आज तक ये भाषा उतनी ही लोकप्रिय है। ये हम 130 करोड़ देशवासियों की ज़िम्मेदारी है कि हमें तमिल की इस विरासत को बचाना भी है, उसे समृद्ध भी करना है। हमें अपनी संस्कृति, अध्यात्म का भी विकास करना है।”

पीएम ने ये भी कहा कि काशी और तमिलनाडु का प्राचीन काल से संबंध हैं। इसका प्रमाण काशी की गलियों में मिलेगा। यहां आपको तमिल संस्कृति के मंदिर मिलेंगे। हरिश्चंद्र घाट और केदार घाट पर 200 से ज्यादा वर्ष पुराना मंदिर है। काशी और तमिलनाडु दोनों ही संस्कृति और सभ्यता के कालातीत केंद्र हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, “काशी और तमिलनाडु दोनों संगीत, साहित्य और कला के स्त्रोत हैं। काशी में बनारसी साड़ी मिलेगी तो कांचीपुरम का सिल्क पूरे विश्व में मशहूर है। तमिलनाडु संत तिरुवल्लुवर की पुण्य धरती है। दोनों ही जगह ऊर्जा और ज्ञान के केंद्र हैं। आज भी तमिल विवाह परंपरा में काशी यात्रा का जिक्र होता है। यह तमिलनाडु के दिलों में अविनाशी काशी के प्रति प्रेम है। यही एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना है जो प्राचीन काल से अब तक अनवरत बरकरार है।”

काशी से तमिलनाडु तक, विश्वेश्वर और रामेश्वर की कृपा-दृष्टि समान : योगी आदित्यनाथ

काशी तमिल संगमम के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तमिल भाषा का साहित्य अत्यंत प्राचीन और समृद्ध है। मान्यता है कि भगवान शंकर के मुँह से दो भाषाएँ निकली थीं, वे संस्कृत और तमिल थीं। उन्होंने कहा कि काशी और तमिलनाडु में भारतीय संस्कृति के सभी तत्व समान रूप से संरक्षित हैं।

क्या है काशी-तमिल संगमम

काशी-तमिल संगमम् सनातन संस्कृति के दो केंद्रों का मिलन है। काशी और तमिलनाडु के वर्षों पुराने संबंधों को मजबूती देने के लिए शिक्षा मंत्रालय की ओर से इसे आयोजित किया गया है।इस समारोह में दोनों क्षेत्रों के धार्मिक, सांस्कृतिक और पौराणिक रिश्तों, परंपरा, खानपान, जीवनशैली पर आयोजित प्रदर्शनी व मेले का किया गया है। इस मेले में हथकरघा व हस्तशिल्प के 10-10 स्टॉल लगाए गए हैं। तमिलनाडु से आए शिल्पियों ने थीम पवेलियन में अपने उत्पाद सजाए हैं। इसमें हथकरघा की 17 समितियों के स्टॉल लगे हैं। इसके अलावा अन्य उत्पादों की भी प्रदर्शनी लगाई गई है।

आपको बता दें , काशी तमिल संगमम में एक महीने के दौरान करीब 3 हजार तमिलभाषी लोग काशी आएँगे और अपनी तमिल संस्कृति को काशी के लोगों के साथ साझा करेंगे। हर 2 दिन पर 200 से 250 के लोगों का एक समूह वाराणसी आएगा। इसमें छात्र-छात्राएँ, उद्यमी, सामाजिक कार्यकर्ता, महिलाएँ आदि शामिल हैं। इस दौरान यहाँ पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। काशी तमिल संगमम् का नोडल अधिकारी स्टेट आर्कियोलॉजी विभाग के एक अधिकारी को बनाया गया है।

Ashish kumar Rai

Recent Posts

‘सांसद होकर दंगे के लिए….’ संभल हिंसा पर भड़के नरसिंहानंद सरस्वती, सांसद जियाउर्रहमान को दी गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी!

Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई है। जहां जामा मस्जिद…

5 minutes ago

Back Pain: कमर दर्द को न करें नजरअंदाज, हो सकता है खतरनाक

India News(इंडिया न्यूज़), Back Pain: अगर आप लंबे समय से कमर दर्द से परेशान हैं…

3 hours ago

संभल में मुसलमानों के साथ …’, हिंसा के बाद बरसे मौलाना मदनी ; योगी सरकार पर लगाया ये बड़ा आरोप

India News UP(इंडिया न्यूज़),Maulana Madani on Sambhal Controversy: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद…

8 hours ago