Kisan Andolan
इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली
Kisan AndolanP: दिल्ली में एसकेएम कमेटी की बैठक शुरू हो गई है। जो केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे हैं। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से संयुक्त किसान मोर्चा को प्रस्ताव भेजा था कि हम एमएसपी पर कमेटी गठित करेंगे, किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमे भी वापस लेंगे और मुआवजे का प्रस्ताव भी भेजा गया था। इसके बाद किसानों ने सरकार से भेजे गए प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण मांगा था। बता दें कि बैठक से ठीक पहले मोर्चा कमेटी से सरकारी नुमाइंदों की एक मीटिंग हुई होने की बात पता चल रही है। ऐसे में संभव है कि दोपहर बाद एसकेएम आंदोलन को लेकर बढ़ा एलान कर दे।
Kisan Andolan: दिल्ली की सीमाओं पर लगे किसानों के तंबू जल्द ही हट सकते हैं। क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा एसकेएम को लिखे ताजा पत्र में किसानों की सभी मांगें मानने की बात कही गयी है। सरकार ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश में किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए सभी मामलों को तत्काल निलंबित करने की पेशकश की है। ऐसे में मोर्चा कमेटी नए प्रस्ताव पर विचार कर रही है। लेकिन इस बारे में फिलहाल किसी भी किसान नेता ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है।
Kisan Andolan: भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने सीधे शब्दों में सरकार को कहा है कि हम बातों पर विश्वास नहीं करेंगे। सरकार को किसानों पर दर्ज किए गए केस वापस लेने की समयसीमा तय करनी होगी। जब तक सरकार ऐसा नहीं करेगी तब तक आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा। क्योंकि सरकारों ने हमारे किसान भाईयों पर गंभीर धाराएं लगाते हुए केस दर्ज किए हुए हैं। ऐसे में अगर हम बातों में आकर यहां से हट जाएं और सरकार केस वापस न ले तो हमारे लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी।
Kisan Andolan: संयुक्त किसान मोर्चा की पांच सदस्यीय समिति के मेंबर अशोक धवले ने खुले मन से कहा कि इस बात की खुशी है कि सरकार बात करने को तैयार है और आंदोलन समाप्त करने के लिए प्रस्ताव भी भेज रही है। लेकिन इस प्रस्ताव में कुछ खामियां हैं। जिन्हें दूर करना अति आवश्यक है। हमने सरकार को इसके बारे में रात ही बता दिया था। अब हम सरकार की प्रतिक्रिया की इंतजार कर रहे हैं।
Kisan Andolan: किसानों की मांग है कि सरकार द्वारा एमएसपी पर गठित होने वाली कमेटी में संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य को शामिल किया जाना चाहिए न कि उन कथित किसान संगठनों को जो सरकार के राग अलाप रहे हैं। वहीं किसानों ने सरकार को भेज जवाब में यह भी कहा कि किसानों पर दर्ज किए गए मामले रद्द करें तब हम उठेंगे। तीसरी पेंच बिजली के बिलों पर फंसा है चौथा मृत किसानों के परिजनों को मुआवजा देने व पंजाब की तर्ज पर नौकरी देने का है।
Kisan Andolan: संयुक्त किसान मोर्चा कमेटी के सदस्य गुरनाम सिंह चढूनी, अशोक धवले, बलबीर सिंह राजेवाल, शिवकुमार कक्का व युद्धवीर सिंह शामिल हैं। जो सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर मंथन करने के अलावा अन्य बिंदुओं पर भी गहनता से विचार विमर्श कर रहे हैं। बता दें कि सरकार को एसकेएम ने 3 प्रमुख बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा था। जवाब न देने पर दिल्ली कूच की तैयारी की थी।
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