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Kisan Andolan Supreme Court बोला याचिका लंबित है तो प्रदर्शन क्यों कर रहे किसान

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :

Kisan Andolan सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के बॉर्डरों पर डटे आंदोलनकारी किसानों से कहा है कि वे कानून पर भरोसा रखें। जस्टिस एएम खानविलकर और सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा उन्हें कड़ी नसीहत देते कहा कि जब इस कानून की वैधता पर विचार के लिए अदालत में याचिका लंबित है तो फिर प्रदर्शन क्यों। याचिका लंबित होने पर ऐसे प्रदर्शन नहीं किए जा सकते। इसके साथ ही अदालत ने दिल्ली के बाहर सीमाओं पर किसानों के डटे होने, हाईवे जाम किए जाने और रेल यातायात बाधित होने पर भी नाराजगी जताई। पीठ ने कहा कि जब आप अदालत में आए हैं तो फिर आंदोलन करने का कोई मतलब नहीं बनता है। आप पूरी आजादी और बिना किसी भय के आंदोलन कर रहे हैं।

Kisan Andolan आप ट्रेनें रोक रहे, हाइवे जाम कर रहे फिर कहते हैं आंदोलन शांतिपूर्ण है

ट्रेनें रोक रहे हैं और हाइवे जाम कर रहे हैं। फिर भी आप कहते हैं कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण है। यह रुकना चाहिए। दरअसल किसान महापंचायत नाम के संगठन की ओर से पेश वकील अजय चौधरी ने कोर्ट से मांग की थी कि किसानों को जंतर-मंतर पर सत्याग्रह की अनुमति दी जाए। गुरुवार को जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि किसी समस्या का समाधान न्यायिक मंच, आंदोलन या संसदीय बहस के माध्यम से किया जा सकता है , लेकिन सड़कों को अवरुद्ध नहीं किया जा सकता है और यह एक स्थायी समस्या नहीं हो सकती है।  पीठ ने कहा, हम पहले ही कानून बना चुके हैं और आपको इसे लागू करना होगा। अगर हम अतिक्रमण करते हैं तो आप कह सकते हैं कि हमने आपके अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण किया है। कुछ शिकायतें हैं जिनका निवारण किया जाना चाहिए।

Kisan Andolan  पूरे शहर को पहले ही बंधक बनाया, अब आप अंदर आना चाहते हैं

किसान महापंचायत के वकील अजय चौधरी ने तर्क दिया कि दिल्ली पुलिस ने संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े 200 लोगों को दिल्ली में आंदोलन की अनुमति दी है। लेकिन इस तरह की परमिशन किसान महापंचायत को नहीं जा रही। इस पर अदालत ने कहा कि आपने पूरे शहर को बंधक बना रखा है और अब आप अंदर आना चाहते हैं। जजों ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर के इलाके में जिस तरह से प्रदर्शन किए जा रहे हैं, उसे प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता।

Kisan Andolan हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन के पक्ष में  (Advocate Ajay Chaudhary)

अदालत ने कहा कि आप सुरक्षाकर्मियों से भिड़ रहे हैं और कारोबारियों को काम पर जाने से रोक रहे हैं। क्या आपको लगता है कि इस तरीके से लोग खुश होंगे। इस पर वकील अजय चौधरी ने कहा कि किसान महापंचायत उनसे अलग है, जो दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं। हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन के पक्ष में हैं। हम चाहते हैं कि हाईवेज को जाम किए बिना सत्याग्रह किया जाए। इस पर अदालत ने कहा कि आपको एफिडेविट देना होगा कि आप उन किसानों से अलग हैं, जिन्होंने हाईवेज को जाम कर रखा है। अदालत ने इसके लिए किसान महापंचायत को सोमवार तक का वक्त दिया है।

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Vir Singh

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