Five Incoming Expressway of India: भारत सरकार अक्सर यह दावा करती है कि वह इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर लगातार जोर दे रही है। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी अपने हर इंटरव्यू में दावा करते है कि साल 2024 तक भारत की सड़के अमेरिकी स्टैंडर्ड्स के बराबर होगी। भारत में कई ऐसे एक्सप्रेसवे पर काम चल रहा है जो अंतररराष्ट्रीय स्तर के एक्सप्रेसवे है। आइये, देश के के 5 शानदार एक्सप्रेसवे के बारे में जानते हैं-
दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे – इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 1,386 किलोमीटर है। 12 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस एक्सप्रेसवे के सोहना-दौसा-लालसोट खंड का शुभारंभ किया था। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से दिल्ली और मुंबई के बीच का सफ़र सिर्फ 12 घंटों का ही रहेगा। यह 2024 तक पूरा बन कर तैयार हो जाएगा। यह एक्सप्रेसवे राजस्थान, एमपी, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों से होकर गुजरेगा।
द्वारका एक्सप्रेसवे– यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोंगो के लिए बरदान साबित होगा। इसे NH-248BB के नाम से भी जाना जाता है। यह 16-लेन एक्सेस-कंट्रोल एक्सप्रेस-वे, देश का पहला एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेसवे है। इसमें फ्लाईओवर के ऊपर फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं। इसे करीब 9 हजार करोड़ रुपये की लागत से भारतमाला परियोजना के तहत बनाया जा रहा है। इसकी लंबाई 29 किलोमीटर है।
वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे– प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता तक यह एक्सप्रेसवे बनेगा। वाराणसी-कोलकाता के बीच सफ़र में अभी सड़क मार्ग से 14 घंटे का समया लगता है। इस एक्सप्रेसवे के बाद सफ़र सात घंटे का हो जाएगा। इसकी लंबाई 610 किलोमीटर है। लागत 28,500 करोड़ रुपये होगी। एक्सप्रेसवे आठ लेन का होगा। यह यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगा। 610 किलोमीटर में 242 किलोमीटर का निर्माण पश्चिम बंगाल में होगा।
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे– यह एक्सप्रेसवे उत्तर भारत के प्रमुख औद्योगिक और कृषि केंद्रों को कांडला और जामनगर में पश्चिम भारत के बंदरगाहों से जोड़ेगा। सितंबर 2023 तक यह एक्सप्रेसवे बन कर तैयार हो जाएगा। एक्सप्रेसवे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात को जोड़ने वाला प्रमुख साधन होगा। अमृतसर-जामनगर की दूरी सड़क मार्ग से अभी 1700 किलोमीटर है जो इस एक्सप्रेसवे बनने के बाद 1224 किलोमीटर होगा। अभी 25 घंटे सफ़र में लगते है जो इस एक्सप्रेसवे के बाद 13 घंटे हो जाएगा।
अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे– अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे 109 किलोमीटर लंबा है। 21 फीसदी से ज्यादा इसका काम पुरा हो चुका है। इसकी चौड़ाई 120 मीटर है इसमें से 90 मीटर पर एक्सप्रेस-वे होगा और 30 मीटर चौड़ी पट्टी पर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) बनाया जाएगा। मतलब यह है कि भविष्य में इस एक्सप्रेस-वे पर आपको कार और हाई स्पीड ट्रेन एक साथ चलेगी। इस एक्सप्रेसवे परियोजना की कुल 4200 करोड़ रुपये है।
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में कई एक्सप्रेसवे का काम चल रहा है। जिसके बाद भारत रोड इंफ्रास्ट्रक्चर में दुनिया के टॉप देशों में होगा।